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नई दिल्ली।(Budget Session 2023) अडानी मुद्दे पर 6 फरवरी को विपक्ष संसद में जमकर हंगामा करने के मूड में नज़र आ रही है। इतना ही नहीं बल्कि इसको लेकर कांग्रेस पार्टी आज देशभर में प्रदर्शन भी करने वाली है। देश के सभी जिलों में मौजूद एलआईसी और एसबीआई दफ्तर के बाहर कांग्रेस के तमाम नेता केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करेगी। दरअसल, शुक्रवार 3 फरवरी को अडानी मामले पर विपक्ष के कड़े विरोध और हंगामे के चलते राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
आज तमाम विपक्ष फिर से मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाए हुए है। अडानी मुद्दे के अलावा विपक्ष BBC की डॉक्यूमेंट्री जिसे केंद्र सरकार ने बैन कर दिया है। उस मामले को लेकर भी पीएम मोदी और केंद्र पर हमला बोलने की तैयारी कर चुकी है।
We will raise Adani issue in Parliament. Govt is silent on such a big issue, especially PM Modi: LoP Rajya Sabha & Congress chief Mallikarjun Kharge pic.twitter.com/Iom1T6MGfN
— ANI (@ANI) February 6, 2023
विपक्ष आज फिर से अरबपति गौतम अडानी समूह से जुड़ी हुई कंपनियों की जांच की मांग का मुद्दा उठा सकता है। संसद के बजट सत्र से पहले विपक्षी दलों की फ्लोर मीटिंग में तमाम विपक्षी दल सरकार को घेरने की रणनीति बनाते हुए दिखेंगे।इसके बाद विपक्षी दलों के सांसद, संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना देंगे। विपक्षी दलों की मांग है कि केंद्र सरकार अडानी मामले की जांच जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी यानी संयुक्त संसदीय समिति या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करे।
We will have a meeting now. Entire Opposition will come together, discussion will be done &decision will be made. It's not an issue of Congress only, but that of India's common people: Leader of Congress in LS, AR Chowdhury on Opposition's strategy for Parliament over Adani issue pic.twitter.com/zdG9WoOrFx
— ANI (@ANI) February 6, 2023
जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी का गठन कई राजनीतिक दलों के सदस्यों को मिलाकर होता है। इस समिति में अलग-अलग दलों से चुने हुए सांसदों का अनुपात सदन में उनकी संख्या के अनुपात के आधार पर तय होता है।
90 के दशक में हुए देश के सबसे चर्चित बोफोर्स घाेटाला। उस समय देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी सरकार पर बोफोर्स घाेटाले के आरोप लगे थे। जिसने भारतीय राजनीति में भूचाल मचा दिया था। राजीव गांधी सरकार पर कई सवाल खड़े हुए तो इसकी निष्पक्ष जांच के लिए सांसदों की एक संयुक्त समिति बनाई गई थी। जिसे JPC का नाम दिया गया था।
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