संबंधित खबरें
Sadhvi Prachi Statement: इस साध्वी ने सलमान पर लगाया बड़ा आरोप, लॉरेंस के समर्थन में बोलीं- मासूम बच्चा है
Sushila Meena Viral Cricketer: आखिर कौन है सुशीला, जिसकी बॉलिंग के दिवाने हुए सचिन तेंदुलकर, जहीर खान से की तुलना
Kota Mahotsav 2024: पर्यटन को लगेंगे पंख, कोटा की धरती पर होगा रंगों का संगम, 25 दिसंबर तक चलेगा कोटा महोत्सव
Jaipur News: धन्ना सेठ को शिकार बनाती थी लुटेरी दुल्हन, सपने दिखाकर हो जाती थी फरार, ऐसे लगी हाथ
Jaipur Engineer Suicide: ससुराल वालों के डर से इंजीनियर ने मौत को लगाया गले, मरने से पहले MAA से मांगी माफी
Give Up Abhiyan: सावधान! 31 जनवरी तक अगर नहीं हटवाया इस योजना से अपना नाम तो होगी कानूनी कार्रवाई
India News (इंडिया न्यूज़),Supreme Court: दिल्ली सेवा अध्यादेश मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया और अध्यादेश का बचाव करते हुए कहा कि संविधान का अनुच्छेद 246(4) संसद को भारत के किसी भी हिस्से के लिए किसी भी मामले के संबंध में कानून बनाने का अधिकार देता है जो किसी राज्य में शामिल नहीं है, इसके बावजूद ऐसा मामला राज्य सूची में दर्ज मामला है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि संसद सक्षम है और उसके पास उन विषयों पर भी कानून बनाने की सर्वोपरि शक्तियां हैं, जिनके लिए दिल्ली की विधान सभा कानून बनाने के लिए सक्षम होगी।
दिल्ली सेवा अध्यादेश मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया और अध्यादेश का बचाव करते हुए कहा कि संविधान का अनुच्छेद 246(4) संसद को भारत के किसी भी हिस्से के लिए किसी भी मामले के संबंध में कानून बनाने का अधिकार देता है जो किसी राज्य में शामिल नहीं है, इसके बावजूद…
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 17, 2023
बता दें 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि दिल्ली की नौकरशाही पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल है और अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी अधिकार भी उसी का है। प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण और अधिकार से जुड़े मामले पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, दिल्ली की पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर पर केंद्र का अधिकार है, लेकिन बाकी सभी मामलों पर चुनी हुई सरकार का ही अधिकार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर को छोड़कर बाकी सभी दूसरे मसलों पर उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की सलाह माननी होगी।
ऐसे में केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई है, जिसके तहत अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल को वापस मिल गया है। अब इस अध्यादेश को लेकर हंगामा मचा हुआ है। दिल्ली की केजरिवाल सरकार संसद में इसो कानून बनने से बाचाने के लिए विपक्ष की सहायता की मांग कर रही है ।
ये भी पढ़ें – Opposition Parties Meeting: मामता बनर्जी समेत ये नेता पहुंचे बैंगलोरु, विपक्षी बैठक में गठबंधन के नाम पर भी होनी है चर्चा
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.