India News(इंडिया न्यूज़),छत्तीसगढ़,Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय शेष रह गया है। जहां एक तरफ सभी पर्टियां अपनी अपनी रणनीति बनाने में लगी हूई है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, 2018 में हुए विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) विधानसभा की 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 15 साल तक सत्ता में काबिज रही बीजेपी 15 सीटों पर ही सिमट गई थी।
जीत के बाद कांग्रेस ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया था। सीएम बघेल के कुर्सी पर काबिज होते ही कई बार भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच अनबन की खबरें आती रहीं। ऐसे में इस विधानसभा चुनाव से पहले टीएस सिंह देव को डिप्टी सीएम बनाकर कांग्रेस ने बड़ा दांव चल दिया है। बता दें कि, कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बुधवार देर शाम इसकी घोषणा की है। इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठक के बाद टीएस सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा में कहा था कि प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने का अभी कोई सवाल नहीं है।
मुख्यमंत्री बघेल ने दी बधाई
टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाए जाने पर सीएम भूपेश बघेल ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि, तैयार हम. महाराज साहब को उपमुख्यमंत्री के रूप में दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं।
जानिए सिंहदेव का सियासी सफर
बता दें कि, 1952 में प्रयागराज में जन्मे टीएस सिंहदेव ने भोपाल के हमीदिया कॉलेज से एमए इतिहास की पढ़ाई की। लेकिन उनकी राजनीतिक जीवन की शुरुआत छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) से हुई। जहां वह 1983 में अंबिकापुर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष चुने गए और यहीं से उनका राजनीति सफर शुरू हुआ। वैसे तो वह वर्तमान में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं। हालांकि, उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा और जीएसटी विभाग का कार्यभार नहीं छोड़ा है। जिसके बाद अब राज्य का उपमुख्यमंत्री बनना एक बड़ी उपलब्धी के तौर पर सामने आ रही है। वहीं आपको ये भी बतातें चले कि, टीएस सिंहदेव के पिता एमएस सिंहदेव मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव और बाद में योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे। उनकी मां देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मध्यप्रदेश में दो बार मंत्री रहीं। तब कहा जाता था कि सरगुजा के लिए मुख्यमंत्री राजपरिवार ही है।
सबसे अमीर विधायक है सिंहदेव
बता दें कि, साल 2013 में जब मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब भी टीएस सिंहदेव सबसे अमीर विधायक थे। शपथपत्र के मुताबिक तब उन्होंने बताया था कि, उनके पास 514 करोड़ रुपये की संपत्ति है। डिप्टी सीएम का पद सौंपे जाने के बाद पहली बार टीएस सिंहदेव ने मीडिया से बातचीत की और कहा कि संगठन और सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे। नए रूप में काम करने का मौका मिला है। मिलकर काम करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।
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