India News ( इंडिया न्यूज़ ) China News : अमेरिका की इंटरनेट प्रोटोकॉल वीडियो मार्केट (आईपीवीएम) ने खुलासा किया है कि चीन अपने निगरानी उपकरणों के जरिए अब यूरोप में मानवाधिकार का हनन कर रहा है। बता दें, इंटरनेट प्रोटोकॉल वीडियो मार्केट एक सिक्योरिटी एंड सर्विलांस इंडस्ट्री रिसर्च ग्रुप है। वहीं चीन की कंपनी दाहुआ यूरोपीय बाजारों में स्किन कलर एनालिटिक्स फीचर से लैस कैमरे बेच रही है। यह कैमरा इंसानों की त्वचा के रंग के उनकी पहचान कर सकता है। स्किन के रंग से किसी की पहचान करना रंगभेद माना जाता है, जो कई देशों में अपराध की श्रेणी में आता है।
रिपोर्ट के अनुसार, चीनी निर्माता कंपनी दाहुआ तीन यूरोपीय देशों में स्किन कलर एनालिटिक्स फीचर वाले कैमरे बेच रही है, जिनमें जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड्स शामिल हैं। बता दें कि इन सभी देशों का हाल ही में नस्लीय तनाव का इतिहास रहा है।
आईपीवीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि दाहुआ तीन यूरोपीय देशों में स्किन कलर एनालिटिक्स फीचर वाले कैमरे बेच रहा है। जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड्स में से प्रत्येक का हाल ही में नस्लीय तनाव का इतिहास रहा है। दहुआ ने कहा कि इसकी त्वचा टोन विश्लेषण क्षमता निगरानी प्रौद्योगिकी में एक आवश्यक तत्व है। कई पश्चिमी देशों में चेहरे की पहचान के लिए निगरानी प्रौद्योगिकियों में त्वचा के रंग के कारण होने वाली गलतियों पर लंबे समय से विवाद रहा है।
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