संबंधित खबरें
Jaipur News: भजनलाल सरकार के दो मंत्रियों को एयरपोर्ट पर नहीं दी एंट्री, जमकर हुआ हंगामा…जाने क्या है पूरा मामला
Moradabad News: CM योगी के नेता ने दी मांस बेचने वालों को धमकी, हिंदू इलाके में थी दुकान
Board Exam 2025: बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी, बदलेगी 10वीं-12वीं की परीक्षा की तारीखें
Agra News: डीआईजी को थाईलैंड में मौज- मस्ती करना पड़ा भारी, तस्वीरें लीक होते ही योगी सरकार ने लिया बड़ा एक्शन
Sambhal News: गिरफ्तारी से डरे संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क, FIR रद्द करवाने पहुंचे हाईकोर्ट
इस राज्य में कांग्रेस करने वाली है बड़ा खेला, BJP को लग सकता है बड़ा झटका…
इंडिया न्यूज, New Delhi News। SC Hearing on Dolo-650 : अक्सर देखने में आता है कि दवा कंपनियों के द्वारा डॉक्टरों को दवा बेचने के लिए बहुत सारे उपहार दिए जाते हैं। ऐसी ही एक याचिका में किए गए दावे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में दावा किया गया है जो डॉक्टर उपहार लेकर दवा की सलाह देते हैं, उन्हें इसके लिए जिम्मेदार भी होना चाहिए।
उदाहरण के तौर पर डोलो-650 जिसे अकसर बुखार में दिया जाता है। कहा गया कि इस दवा की बिक्री बढ़ाने के लिए डॉक्टरों को 1 हजार करोड़ रुपये के उपहार दिए गए। जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना वाली बेंच ने कहा, यह बेहद गंभीर मामला है। बेंच ने सरकार से 10 दिन के अंदर जवाब मांगा है।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, यह सुनकर बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा है। जब मुझे कोरोना था तो मुझसे भी यही दवा लेने को कहा गया था। यह तो बहुत की गंभीर मामला है।
फेडरेशन आफ मेडिकल ऐंड सेल्स रिप्रजंटेटिवंस असोसिएशन आफ इंडिया की तरफ से यह याचिका फाइल की गई थी। फेडरेशन की तरफ से पेश हुए वकीलल संजय पारिक ने कहा, डोलो ने डॉक्टरों को 1 हजार करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार दिए ताकि उनकी दवा का प्रमोशन हो।
वहीं सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टैक्सेज ने भी छापेमारी के बाद दावा किया था कि दवा निर्माता कई तरह की अनैतिक गतिविधियां करता है। सीबीडीटी ने कहा था कि 300 करोड़ रुपये की टैक्स की चोरी भी की गई। एजेंसी ने कंनपी के 36 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि अगर इस तरह का काम किया जाता है तो ना केवल दवा के ओवर यूज के केस बढ़ेंगे बल्कि इससे मरीजों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ सकते हैं।
इस तरह के घोटालों से मार्केट में दवाओं की कीमत और बिना मतलब की दवाओं की भी समस्या पैदा होती है। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि कोरोना महामारी के समय ऐसी दवाओं का ज्यादा ही प्रमोशन किया गया और अनैतिक तरीके से मार्केट में सप्लाई किया गया।
पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस मामले में जवाब मांगा था लेकिन अब तक हलफनामा दाखिल नहीं किया गया था। केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिट जनरल केएम नटराज ने कहा कि रिस्पॉन्स लगभग तैयार है। अब 29 सितंबर को इस मामले की सुनवाई होनी है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.