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पार्टी पहले राहुल को ही चाहती है अध्यक्ष, गहलोत दिल्ली आए तो सीएम उनकी पसंद का बनेगा

PUBLISHED BY: Naresh Kumar • LAST UPDATED : September 3, 2022, 5:47 pm IST
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पार्टी पहले राहुल को ही चाहती है अध्यक्ष, गहलोत दिल्ली आए तो सीएम उनकी पसंद का बनेगा

Congress National President

अजीत मैंदोला, New Delhi News। Congress National President : पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नवी आजाद के इस्तीफे के बाद बदले हालतों में गांधी परिवार पर खास तोर पर राहुल गांधी पर फिर से कमान संभालने का दबाव बढ़ गया है। सूत्रों की माने तो पार्टी की पहली कोशिश राहुल को ही मनाने की रहेगी। अगर राहुल नहीं माने तो फिर अंतरिम अध्य्क्ष सोनिया गांधी से ही बने रहने का आग्रह किया जाएगा। फिर भी अगर बात नहीं बनती है तो गांधी परिवार के भरोसे मंद और पहली पसंद राजस्थान के मुख्य्मंत्री अशोक गहलोत पार्टी की कमान संभाल सकते है।

ऐसा होता है तो फिर राजस्थान की कमान कोन संभालेगा। इस पर सूत्रों का कहना है पार्टी गहलोत को ही बनाए रख सकती है। यदि बदलाव होता है तो यह तय है कि गहलोत की पसंद का व्यक्ति ही मुख्यमंत्री बनेगा। गहलोत के करीबी नेताओं में शांति धारीवाल, बीड़ी कल्ला और सीपी जोशी जैसे नेताओं के नाम चर्चा में है।

गांधी परिवार के विदेश से लौटने के बाद होगा अंतिम फैसला

फाइनल फैसला गांधी परिवार के विदेश से लौटने के बाद होगा। सूत्रों की माने तो राहुल गांधी रैली वाले दिन रविवार की सुबह लौटेंगे। सोनिया और प्रियंका गांधी के 10 सितंबर के बाद लौटने की उम्मीद है। इसलिए माना जा रहा है 24 सितंबर से अध्य्क्ष पद के लिए शुरू हो रहे नामंकन के दिन ही स्थिति साफ हो पाएगी। क्योंकि तब तक राहुल गांधी की भारत जोड़ यात्रा का पहला चरण हो चुका होगा।

रैली के लिए दिल्ली पहुंचने लगे कार्यकर्ता

कांग्रेस की पहली कोशिश रविवार की रैली को सफल बनाना है। इसके लिए देशभर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता शनिवार से दिल्ली पहुंचने लगे है। रैली रामलीला मैदान होगी। इसके अगले दिन राहुल गुजरात दौरे पर जा सकते है। फिर 7 सितंबर को कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा का शुभारभ करेंगे। इस बीच पार्टी अध्य्क्ष पद पर अंतिम फैसला करेगी।

आजाद के इस्तीफे के बाद बढ़ गई हैं मुश्किलें

आजाद के इस्तीफे के बाद कश्मीर में पार्टी का टूटना, महाराष्ट्र में भी टूट के आसार, हरियाणा, केरल और हिमाचल की रिपोर्ट भी ठीक नहीं आ रही है। मनीष तिवारी, शशि थरूर जैसे नेताओं भी पीसीसी डेलिगेट को लेकर सवाल उठाना चिंता का विषय बना हुआ है। पार्टी का बड़ा धड़ा और जानकार भी मानते हैं। ऐसे हालात में राहुल को ही कमान संभालनी चाहिए। अंतिम फैसला राहुल को करना है।

गांधी परिवार के न मानने पर गहलोत संभाल सकते हैं कमान

अगर गांधी परिवार तैयार नहीं हुआ तो फिर गहलोत को ही कमान संभालनी पड़ सकती है। ऐसे में राजस्थान का भी फैसला होगा। राजस्थान का संख्या गणित ऐसा है जो जिसे गहलोत ने एक जुट रखा है। आलाकमान भी जानता है कि अगर राजस्थान में गहलोत मुख्यमंत्री नहीं होते तो सरकार गिर जाती है।

सचिन पायलट से नाराज है आलाकमान

गहलोत के सजग रहते ही सचिन पायलट की अगुवाई में बागी हुए विधायक कुछ नहीं कर पाए। आलाकमान तब से सचिन पायलट से नाराज बताया जाता है। यही वजह है कि पार्टी ने पायलट को अभी तक पार्टी मे कोई पद नही दिया। इसलिए राजस्थान के समीकरणों को देख गहलोत की पसंद का व्यक्ति ही मुख्यमंत्री बनेगा। पार्टी ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती है जिससे बागी तेवर दिखाने वाले नेताओं को महत्व दिया जाए।

सचिन के बुलाने पर 6 से 7 विधायक ही पहुंचे जयपुर

सूत्रों की माने तो सचिन ने अपनी ताकत आजमाने के लिए समर्थक विधायकों को मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन 6 से 7 विधायक ही उनके जयपुर आवास पर पहुंचे। सूत्रों का कहना है उनमें से 3 से 4 विधायकों ने किसी भी तोड़फोड़ में साथ देने से मना कर दिया। मतलब फिलहाल कांग्रेस और निर्दलीय विधायक गहलोत के साथ खड़े है। अब देखना होगा कि अध्य्क्ष के चुनाव के बाद विरोधी गुट क्या कदम उठाता है।

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