Conrad Sangma in Meghalaya: नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के प्रमुख कॉनराड संगमा ने राज्यपाल फागू चौहान के समक्ष मेघालय के मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा सौंप दिया और राज्य में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। गुरुवार को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नतीजों के अनुसार, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने भारतीय जनता पार्टी के बर्नार्ड एन मारक के खिलाफ दक्षिण तुरा निर्वाचन क्षेत्र से 5,016 के अंतर से जीत हासिल की।

  • बीजेपी सहित निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया
  • बीजेपी और एनपीपी ने अलग होकर चुनाव लड़ा था
  • तीनों राज्यों में बीजेपी सरकार में है

राजभवन में कॉनराड संगमा के साथ कुल 29 नवनिर्वाचित विधायक मौजूद थे। इनमें से 26 विधायक एनपीपी के, दो विधायक भाजपा के और एक निर्दलीय विधायक हैं। एक निर्दलीय विधायक और एक अन्य राजनीतिक दल ने मेघालय में नई सरकार बनाने के लिए एनपीपी का समर्थन किया है। एनपीपी प्रमुख कॉनराड संगमा ने कहा कि उनके पास पर्याप्त संख्या है।

जेपी नड्डा ने समर्थन देने को कहा

इससे पहले गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने कहा कि कॉनराड संगमा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन कर राज्य में सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा। सीएम सरमा ने ट्वीट किया, “मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने माननीय गृह मंत्री अमित शाह जी को फोन किया और नई सरकार बनाने के लिए उनका समर्थन और आशीर्वाद मांगा।” सरमा ने आगे कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी की राज्य इकाई को एनपीपी का समर्थन करने की सलाह दी है।

तीनों जगह बीजेपी सरकार

तीन पूर्वोत्तर राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन ने इस क्षेत्र में अपना निरंतर प्रभुत्व दिखाया, जो कभी कांग्रेस का गढ़ था। परिणाम का मतलब था कि तीनों पूर्वोत्तर राज्यों में सरकार नहीं बदलेगी। तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव पिछले महीने हुए थे। भाजपा ने साल 2018 में त्रिपुरा में 25 साल पुराने वाम दलों की सरकार छीनकर इतिहास रचा था, इस चुनाव में कांग्रेस और सीपीआईएम ने त्रिपुरा में गठबंधन करके चुनाव लड़ा लेकिन वह 15 सीटों पर जीत पाए।

NPP का इतिहास

मेघालय में NPP ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की है। नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) को कांग्रेसी नेता और पूर्व लोकसभा स्पीकर पीए संगमा ने बनाया था, वह 1996 से 1998 तक लोकसभा स्पीकर रहे थे। जब शरद पवार ने NCP बनाई तो वह उसमें शामिल हो गए। संगमा 2012 में बीजेपी के समर्थन से राष्ट्रपति का चुनाव लड़े लेकिन प्रणब मुखर्जी से हार गए।

2013 चुनाव में पार्टी को सिर्फ 2 सीट मिली, 2016 में पीए संगमा का देहान्त हो गया फिर बेटे कॉनराड ने पार्टी संभाली। 2018 के चुनाव में पार्टी को 20 सीट मिली जो बहुमत से 10 कम थी, बीजेपी ने नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस बनाया और कॉनराड संगमा राज्य के मुख्यमंत्री बने। NPP नार्थ ईस्ट की अकेली पार्टी है जिसको राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है, 2019 में चुनाव आयोग ने यह दर्जा दिया था। इस चुनाव में BJP और NPP ने अलग चुनाव लड़ा था।

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