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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच जारी सीमा विवाद पर आज गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की। बैठक में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद अमित शाह ने कहा कि विवाद की समाप्ति के लिए हमने दोनो पक्षों से अच्छे माहौल में बात की है।
उन्होंने कहा कि दोनों ने सकारात्मक अप्रोच रखी। दोनो ने कहा विवाद का निदान रोड पर नहीं होता। फेक ट्विटर हैंडल से लोगों के भावनाओं को भड़काया गया है। ये फैसला हुआ है की जो लोग भावना भड़काएं हैं उनके ऊपर FIR और कार्रवाई होगी। उन्होंने ये भी कहा है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है, तब तक कोई भी दावा नहीं करेगा।
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah speaks on the Maharashtra-Karnataka border issue after his meeting with the CMs of the two States pic.twitter.com/3Sv80LgEbk
— ANI (@ANI) December 14, 2022
जानकारी दें, शाह ने कहा कि दोनो राज्यों में विपक्षी दलों से अपेक्षा की जाती है कि वो आज के फैसले पर अमल करेंगे और इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाएंगे। जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता, कोई भी राज्य इस पर क्लेम नहीं करेगा। दोनों राज्यों से 3-3 मंत्री यानी कुल 6 मंत्री बैठेंगे और इस पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों से कानून व्यवस्था ठीक रहे और किसी को परेशानी न हो इसके लिए एक सीनियर आईपीएस अधिकारी की अगुआई में कमेटी गठित की जाएगी। दोनों राज्यों के बीच जो भी अन्य भाषाई लोग बस रहे हैं उनको राजनैतिक मुद्दा ना बनाया जाए।
पिछले हफ्ते ये सीमा विवाद और बढ़ गया था, जब दोनों ओर के वाहनों को निशाना बनाया गया। दोनों राज्यों के नेताओं की बयानबाजी के बीच कन्नड़ और मराठी समर्थक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बेलगावी में हिरासत में लिया। इसके बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने फोन पर एक-दूसरे से बात की तथा इस पर सहमति जताई कि दोनों पक्षों के बीच शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।
भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किए जाने के बाद 1957 से सीमा विवाद का मुद्दा बरकरार है। महाराष्ट्र बेलगावी पर दावा करता है, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि यहां मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा है। महाराष्ट्र 814 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा करता है, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं।
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