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India News (इंडिया न्यूज),Oil And Gas Prices Surge After Attack On Israel: इजरायल-हमास संघर्ष के बीच कच्चे तेल के दामों में इजाफा हुआ है। बता दें, बाजार में युद्ध के अनिश्चितता के माहौल के चलते तेल की कीमतों में 4 पर्सेंट तक का उछाल आया। यह 87.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इंट्राडे में ब्रेंट क्रूड 88.41 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। टेंशन बढ़ने से पिछले दो दिनों तेल की कीमतें 8% तक बढ़ गईं। इससे महंगाई बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। जानकारों का कहना है कि पश्चिम एशिया में टेंशन से तेल की कीमतें कुछ समय तक ऊंची बनी रह सकती हैं। वहीं, अस्थिरता के माहौल में सुरक्षित माने जाने वाले गोल्ड में 1 पर्सेंट की तेजी दिखाई दी।
आपको बता दें,ओपेक (OPEC) द्वारा प्रॉडक्शन में कटौती को स्थिर रखने के प्रस्ताव के बाद पिछले हफ्ते कच्चे तेल की कीमतें साल के हाई लेवल से करीब 9% कम हो गईं थीं। केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि इस सैन्य संघर्ष के कारण कच्चे तेल की सप्लाई में बाधा पड़ने की आशंका ने अब जोर पकड़ लिया है।
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वहीं, केडिया का मानना है कि इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध तेल सप्लाई के लिए तत्काल खतरा पैदा नहीं करती हैं, लेकिन इस बात का रिस्क बना हुआ है कि यह संघर्ष अधिक विनाशकारी युद्ध में बदल सकता है। और अगर इसमें अमेरिका और ईरान उलझते हैं, तो कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं। इधर ओपेक ने भी कह दिया है कि तेल की डिमांड को लेकर लॉन्ग टर्म व्यू बढ़ा दिया है।
आनंद राठी फाइनेंशल के कमोडिटी और करेंसी प्रमुख नवीन माथुर का कहना है कि पिछली तिमाही में तेल की कीमतें लगभग 30% बढ़ गई हैं। इससे महंगाई बढ़ने का खतरा है। ग्लोबल स्तर पर ग्रोथ को भी खतरा है। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता भारत के लिए तेल की बढ़ती कीमतें अच्छी नहीं हैं, लेकिन चूंकि अभी सरकार कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का बोझ उठा सकती है। इस साल तेल की कीमतों में कोई नई ऊंचाई नहीं दिख रही है। सरकार रिटेल ईंधन की कीमतों में वृद्धि नहीं होने देगी, जिससे इसका प्रभाव सीमित हो जाएगा।
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