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India News(इंडिया न्यूज), Delhi Air Pollution: दिल्ली समेत पूरे NCR में अब सांस लेने लायक हवा नहीं बची है” एनसीआर के अन्य शहरों की हवा भी जहरीली होती जा रही है। स्थिति यह है कि स्विस एजेंसी IQ एयर की “विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2023 क्षेत्र और शहर पीएम 2.5 रैंकिंग” इस संदर्भ में भी कई चौंकाने वाले मामले सामने आया है। इसके मुताबिक, ग्रेटर नोएडा एनसीआर का दूसरा और दुनिया का 11वां सबसे प्रदूषित शहर है। यहां 2023 में पीएम 2.5 की औसत सांद्रता 88.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई है। यह 2022 की सांद्रता 83.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 6.5 प्रतिशत अधिक थी।
बता दें कि, अन्य प्रमुख एनसीआर शहरों में गुरुग्राम समग्र रूप से तीसरे और दुनिया भर में 17वें स्थान पर है। इसके बाद फरीदाबाद (25वीं रैंक), नोएडा (26वीं रैंक) और गाजियाबाद (35वीं रैंक) है। गुरुग्राम में पीएम 2.5 की मात्रा में सबसे ज्यादा 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। फरीदाबाद में 0.2 फीसदी और नोएडा में 1.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
प्रदूषित शहरों की सूची में गाजियाबाद एकमात्र अपवाद शहर था। इसकी समग्र रैंकिंग 2022 में दुनिया के 11वें सबसे प्रदूषित शहर से गिरकर 2023 में 35वें स्थान पर आ गई। वहां पीएम 2.5 की सांद्रता 14.1 प्रतिशत कम हो गई। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बताना मुश्किल है कि गाजियाबाद ने एनसीआर में इतना सुधार क्यों दर्ज किया है, लेकिन उन्होंने कहा कि क्षेत्र में समग्र सुधार काफी हद तक उद्योगों में कोयले के चरणबद्ध तरीके से उपयोग से जुड़ा है।
पिछले साल एनसीआर में उद्योगों में ईंधन के स्रोत के रूप में कोयले पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद और राजस्थान में भिवाड़ी, जो औद्योगिक क्लस्टर हैं, ने 2022 की तुलना में 2023 में सुधार दिखाया है, जिसका मतलब यह हो सकता है कि उद्योग कोयले से पीएनजी पर स्विच कर रहे हैं।
वर्ष 2022 और 2023 में एनसीआर के शहरों में पीएम 2.5 का सांद्रण स्तर क्या रहा (माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में)
2022 में 2023 में शहर।
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