India News (इंडिया न्यूज़), Shiva as the destroyer of creation in the trinity : हिमालय में रहने वाले साधु से लेकर सिद्धि प्राप्त कर चुके संत सभी महादेव को अपना इष्ट मानते है। जिस तरह भगवान शंकर के नाम है उसी प्रकार उनका रूप भी है। कहा जाता है कि देवताओं में सबसे भोले और बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवों के देव महादेव महादेव है। लेकिन इससे उलट भगवान शिव का क्रोध भी उतना ही विकराल है, इसीलिए शिव को त्रिदेवों में सृष्टि का विनाशक के रुप में जाना जाता है।
शिव के प्रतीक शिवलिंग में जल चढ़ाने से मन में शांति और मनोकामना की पूर्ति होती है। शिव के कई भक्त शिवलिंग में कई प्रकार की चीजों को चढ़ाते है, लेकिन कई भक्त अनजान में शिंवलिंग पर कुछ ऐसी चीजों के चढ़ा देते है, जिन्हें चढ़ाने पर महादेव आपसे क्रोधित हो सकते है और उनके क्रोध की वजह से आपके जीवन में विकट परिस्थिति बन सकती है।
शिंवलिंग पर नही चढ़ानी चाहिए ये चीज़-
- शंकर भगवान की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है. हल्दी का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक माना जाता है इसलिए महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है।
- भोलेनाथ को कनेर और कमल के अलावा कोई भी अन्य फूल प्रिय नहीं हैं। शिव जी को किसी भी लाल रंग के फूल, केतकी और केवड़े के फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करना शुभ नही माना जाता है।
- शास्त्रों के अनुसार शिव जी की पूजा में कुमकुम और रोली का इस्तेमाल करना सही नहीं माना जाता है। इसलिए शिवलिंग पर कभी भी रोली नहीं चढ़ानी चाहिए।
- शिव जी की पूजा में शंख का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। शंकर भगवान ने शंखचूर नाम के असुर का वध किया था इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में में वर्जित माना गया है।
- शास्त्रों के मुताबित तुलसी का पत्ता भी भगवान शिव को चढ़ाना अशुभ माना जाता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है। कहा जाता है कि असुर राज जलंधर की पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी। शिव जी ने जलंधर का वध किया था इसलिए वृंदा ने भगवान शिव की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग न करने की बात कही थी।
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