India News (इंडिया न्यूज़), Dwarka Expressway: द्वारका एक्सप्रेस-वे का बेसब्री से इंतजार कर रहे दिल्ली-एनसीआर के लोगों का इंतजार खत्म हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुग्राम से द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा चरण का उद्घाटन किया। एक्सप्रेसवे का 19 किलोमीटर तक का हिस्सा बनकर तैयार है और सोमवार को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं। बाकी 10 किलोमीटर भी अगले 2-3 महीने में आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे। 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनी 29 किमी की यह सड़क बेहद ही खास है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से एनसीआर के लोगों को न सिर्फ ट्रैफिक की जाम से मुक्ति मिलेगी साथ ही प्रदूषण में भी कमी आने की उम्मीद है।
द्वारका एक्सप्रेसवे क्यों है इतना खास?
दरअसल द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली और गुरुग्राम के बीच NH-48 पर यातायात को तेज करने और भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी। 8-लेन द्वारका एक्सप्रेसवे का 19 किमी लंबा हिस्सा हरियाणा में पड़ता है और इसे लगभग 4,100 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और गुरुग्राम बाईपास अब सीधे जुड़ गए हैं। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों से सड़क मार्ग से दिल्ली आना लोगों के लिए काफी आसान हो जाएगा। मानेसर और आईजीआई के बीच यात्रा में आमतौर पर एक घंटा लगता है। इस रास्ते पर अब करीब 20 मिनट ही लगेंगे।
इन बातों का रखना होगा ख्याल
इस 29 किमी एक्सप्रेसवे (23 किमी) का अधिकांश भाग ऊंचा है। एक्सप्रेसवे में कुल 8 लेन हैं, प्रत्येक तरफ चार। एलिवेटेड रोड सिंगल पिलर पर बनाई गई है। इसके दो फायदे हैं। एक तो सड़कों के लिए जमीन की जरूरत कम है और दूसरे सर्विस रोड चौड़े हो गये हैं। इससे शहर का यातायात सुगम होगा। एक बार जब आप एक्सप्रेसवे पर चढ़ जाएंगे तो बीच में कोई रुकावट नहीं होगी। सड़क को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसके किनारे कोई दुकान, घर या बाजार नहीं होगा। एक्सप्रेसवे पर सर्विस रोड से कोई प्रवेश या निकास नहीं है। मुख्य स्पीडवे में प्रवेश करने के लिए आपको निर्दिष्ट इंटरचेंज का उपयोग करना होगा।
लंबी सुरंग से होकर गुजरती रोड
बता दें कि, द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली खंड में 3.6 किमी लंबी 8 लेन सुरंग भी बनाई गई है। यह सुरंग एयरपोर्ट के नीचे से भी गुजर रही है। इसे उथली सुरंग भी कहा जा रहा है। एयरपोर्ट को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान दिया गया है। ब्लास्ट प्रूफ टनल में इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि एयरपोर्ट के राडार से कोई छेड़छाड़ न हो। इस सुरंग से हर दिन करीब 40 हजार कारें गुजरेंगी। सुरंग में एक आपातकालीन निकास बनाया गया है और एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है। आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 को सुरंग से जोड़ दिया गया है।
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द्वारका एक्सप्रेसवे के फायदे
द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है। इसको लेकर बताया जा रहा है कि इस सड़क को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह अगले 25 सालों में दिल्ली और गुरुग्राम के बीच वाहनों की वृद्धि को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी। देश में पहली बार इस एक्सप्रेसवे पर तीन जगहों पर 4 लेवल इंटरचेंज को बनाए गए हैं। इन्हें शिव मूर्ति, यशोभूमि द्वारका, आईएमटी मानेसर में बनाया गया है। महिपालपुर में शिव मूर्ति के पास इंटरचेंज में दो स्तरों पर सुरंगें हैं। दो स्थानों पर फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर हैं। द्वारका एक्सप्रेसवे दिल्ली और गुरुग्राम के बीच दूसरा एक्सप्रेसवे है। इस नए रूट से साउथ, वेस्ट दिल्ली और गुरुग्राम के बीच आवाजाही बेहद आसान हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे से लाखों वाहन बहुत कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे और लंबे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। इससे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण भी कम होने की उम्मीद है। इसका मतलब यह है कि यह उन लोगों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है जो इस सड़क पर यात्रा करेंगे और उनके लिए भी जो नहीं करेंगे।