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Earthquake Prediction: इन समय पर भूकंप आने की सबसे ज्यादा होती है संभावना, जाने किन वजहों से हिलती है धरती

BY: Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : January 24, 2023, 5:38 pm IST
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Earthquake Prediction: इन समय पर भूकंप आने की सबसे ज्यादा होती है संभावना, जाने किन वजहों से हिलती है धरती

Earthquake Astrology Prediction.

Earthquake Astrology Prediction: भूकंप और ज्योतिष के बीच भी एक संबंध है। ज्योतिष को वेदों का नेत्र कहा गया है। ज्योतिष भविष्य के गर्भ में क्या है, यह जानने का दावा करता है। बता दें कि पंचांग मात्र से वर्षों आगे होने वाले ग्रहण, अमावस्या, पूर्णिमा समेत सभी खगोलीय घटना की गणना की सटीक जानकारी भी दे देता है। इसी तरह ज्योतिष में भूचाल यानी भूकंप का भी पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। ज्योतिष भूकंप को लेकर क्या कहता है और उसका पूर्वानुमान क्या कहता है। यहां जानिए ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार से इसकी जानकारी।

ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार बताती हैं कि शनि, गुरु और मंगल की वक्री चाल से भूकंप के आने की संभावना रहती है।

ग्रहण और भूकंप

ग्रहण काल मे कभी भी भूकंप नही आता है, लेकिन सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण काल के बाद आने वाली अमावस्या या पूर्णिमा के सप्ताह के भीतर भूकंप आने की संभावना ज्यादा रहती है। बता दें कि 4 फरवरी को इस बार पूर्णिमा पड़ भी रही है।

भूकंप और समय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दिन के 12:00 बजे से लेकर सूर्यास्त तक और मध्य रात्रि से सूर्योदय के दौरान भूकंप आने का खतरा ज्यादा होता है।

माह और भूकंप

सूर्य के दक्षिणायन होने के दौरान दिसंबर और सूर्य के उत्तरायण होने के दौरान जनवरी, मई व जून के महीनों में भूकंप आते हैं।

वक्री गृह और भूकंप

मुख्य ग्रहों (शनि, बृहस्पति, मंगल) की चाल उल्टी अर्थात् वक्री होने की स्थिति मे भूकंप आने की संभावना रहती है। इनके अतिरिक्त यूरेनस ग्रह की विशेष स्थिति, क्रूर ग्रहों, वार, नक्षत्र का संयोग भी ऐसी विशेष स्थिति बनाता है जिससे विनाशकारी भूकंप आते हैं।

उल्कापिंड और भूकंप

ब्रह्मांड में करोड़ों उल्का पिंड घूम रहें हैं और जब-जब ये उल्का पिंड पृथ्वी या सूर्य के बहुत नज़दीक आ जाते हैं तब भूकंप आने की संभावना होती है।

ग्रहों की गोचर स्थिति और भूकंप

गोचर में शनि, बृहस्पति, मंगल जैसे ग्रहों के साथ ही राहू और चंद्रमा की विशेष स्थिति होना जैसे मंगल व शनि का एक-दूसरे से विपरीत होना, क्रूर ग्रहों का परस्पर केंद्र मे होना, कुंडली का अष्टम भाव कूर ग्रहों की दृष्टि से पीड़ित होना, मंगल व शनि का षडाष्टक योग, मंगल व राहु षडाष्टक योग व सूर्य व मंगल का षडष्टक योग जैसी गोचरीय स्थिति में भूकंप आने की संभावना रहती है।

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