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India News (इंडिया न्यूज), Qatar Indian Death Penalty: कतर जेल में बंद 8 पूर्व नौसैनिकों के मामले में विदेश मंत्रालय ने आज (गुरुवार) जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि एक भारतीय दूत ने उन 8 नौसैनिकों से मुलाकात की है। बता दें कि इन नौसैनिकों को 26 अक्टूबर को मौत की सजा सुनाई गई थी।
मीडिया से बातचीत करते हुए बागची ने बताया कि केंद्र इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहा है। उन सभी नौसेनिकों को कानूनी और कांसुलर सहायता प्रदान की गई है। उन्होने कहा कि “हमारे राजदूत को 3 दिसंबर को जेल में बंद सभी 8 लोगों से मिलने के लिए कांसुलर एक्सेस मिला। यह एक संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन हम इसका पालन करना जारी रखेंगे और जो कुछ भी हम साझा कर सकते हैं, हम करेंगे।” उन्होंने कहा कि मामले में अब तक दो सुनवाई हो चुकी हैं और नौसेना कर्मियों के परिवारों द्वारा मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की गई है।
बागची ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महीने की शुरुआत में CoP28 के मौके पर दुबई में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच समग्र द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ भारतीय समुदाय की भलाई पर अच्छी बातचीत हुई है। नौसेना के दिग्गजों को 26 अक्टूबर को कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने फैसले को “गहरा” चौंकाने वाला बताया था। सभी कानूनी विकल्प तलाशने की कसम खाई है। भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को न तो कतरी अधिकारियों और न ही नई दिल्ली ने सार्वजनिक किया है।
कतरी अदालत के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में, विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि वह मामले को “उच्च महत्व” दे रहा है। साथ ही सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है। 25 मार्च को आठ भारतीय नौसेना के दिग्गजों के खिलाफ आरोप दायर किए गए थे। उन सभी नौसैनिकों पर कतरी कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था। पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा था कि सभी पूर्व अधिकारियों का भारतीय नौसेना में 20 वर्षों तक का “बेदाग कार्यकाल” था। वे बल में प्रशिक्षकों सहित महत्वपूर्ण पदों पर रहे थे।
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