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Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग ने बुजुर्ग नागरिकों के लिए बनाया खास प्लान, इस बार लाखों मतदाताओं को मिलेगा आराम

Raunak Pandey • LAST UPDATED : March 17, 2024, 8:48 am IST
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Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग ने बुजुर्ग नागरिकों के लिए बनाया खास प्लान, इस बार लाखों मतदाताओं को मिलेगा आराम

Date of counting of votes changed in Arunachal Pradesh, Sikkim

India News (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों का निर्वाचन आयोग ने शनिवार (16 मार्च) को एलान कर दिया। इस बार का लोकसभा चुनाव कुल 7 चरणों में संपन्न होगी। भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून को खत्म होगी। वहीं मतगणना 4 जून को किया जाएगा। बता दें कि इस बार कुल 96.8 मतदाता मतदान में भाग लेने वाले हैं। वहीं पहली बार लोकसभा चुनाव में 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं और विकलांग मतदाताओं को चुनाव आयोग अपने घर से आराम से मतदान करने का मौका दे रहा है। चुनाव आयोग के अनुसार, इस चुनाव में 85 वर्ष से अधिक उम्र के 82 लाख मतदाता हैं।

आयोग पहले भी कर चुका है इसका उपयोग

बता दें कि चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान ही इस प्रक्रिया को शुरू कर चुका है। चुनाव आयोग के अनुसार, चुनाव अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि 85 साल से अधिक उम्र के 82 लाख बुजुर्ग मतदाताओं और 88.4 लाख पंजीकृत विकलांग मतदाताओं से उनके निवास पर जाकर उन्हें वोट करने में मदद करें। इस दौरान कोई भी मतदाता बिना गोपनीयता से समझौता किए डाक मतपत्र पर अपनी पसंद के उम्मीदवार को चिह्नित कर सकेंगे विधानसभा चुनाव 2020 में संशोधित चुनाव संचालन नियमों के नियम 27ए के मुताबिक, डाक मतपत्र की सुविधा 80 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों, पीडब्ल्यूडी, चुनाव अधिकारियों और कोविड-पॉजिटिव व्यक्तियों तक बढ़ा दी गई थी। जिसके बाद सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए योग्यता आयु बढ़ाकर 85 साल करने के लिए इस नियम को संशोधित किया।

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आयोग देगा बुजुर्ग नागरिकों को सुविधा

दरअसल, चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, जिन राज्यों में चुनाव हुए उन 11 राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ समीक्षा से पता चला कि 80 वर्ष से अधिक आयु के 97-98% वरिष्ठ नागरिकों ने डाक मतपत्र के बजाय व्यक्तिगत रूप से मतदान करना चुना था। दरअसल, जिन 80 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं ने आज़ादी देखी है। वो लोग शारीरिक रूप से मतदान करने के लिए कहीं जयादा उत्सुकता दिखाई देते हैं। जो देश के उन युवाओं के लिए एक उदाहरण है जो सक्षम होने के बावजूद मतदान में हिस्सा नहीं लेते हैं।

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