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इंडिया न्यूज, New Delhi News। Weather of India: उत्तर भारत के कई राज्यों में अक्टूबर के 10 दिन में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश को मौसम विभाग भले ही पोस्ट मानसून बारिश कह रहा है, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसा नहीं लगता है। उनका कहना है कि मौसम विभाग ने शायद मानसून की विदाई का अनुमान थोड़ा जल्दबाजी में जारी कर दिया था।
गौरतलब है कि विभाग की ओर से 30 सितंबर को मानसून की विदाई की घोषणा की गई थी, लेकिन उसके बाद अक्टूबर के ही 10 दिन में उत्तर भारत के कई राज्यों में हुई जबरदस्त बारिश होने से आईएमडी के अनुमान पर सवाल खड़े हुए हैं।
बता दें कि उत्तर पश्चिम भारत में अक्टूबर के 10 दिन में औसत से 405 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। दिल्ली में 625 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इसके अलावा हरियाणा में 577 और उत्तराखंड में औसत से 538 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से समेत तमाम जिलों में 698 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, अधिक बारिश होने का प्रतिशत अक्टूबर के शुरूआती 10 दिन में बहुत अधिक है। इसकी वजह यह है कि आमतौर पर इस सीजन में बारिश बेहद कम होती रही है। बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की स्थिति पैदा होने के चलते यूपी और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भारी बारिश हुई है।
पश्चिमी विक्षोभ से दक्षिण पूर्वी हवाओं के टकराने से पूरे उत्तर भारत में भारी बारिश हुई है। मौसम विभाग की ओर से एलान किया गया था कि 30 सितंबर से पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से मानसून की विदाई हो गई है। मौसम विभाग के नए अनुमान में कहा गया है कि अगले 4 से 5 दिन में उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के राज्यों से मानसून विदा हो जाएगा।
महापात्रा ने कहा, हमने दिल्ली से मानसून की वापसी की बात कही थी, लेकिन तब मानसून जा ही रहा था और विदा होते-होते काफी बरस गया। ऐसे में यह एक तरह से बॉर्डर केस है। हालांकि उन्होंने कहा कि हमने बारिश को लेकर सटीक अनुमान ही जताया और पहले से ही 7 दिन का पूवानुर्मान जारी कर दिया था।
उन्होंने कहा कि इससे पहले 1988 में ऐसा हुआ था, जब मानसून ने विदा होते-होते जमकर बारिश की थी। उस समय सितंबर के आखिरी सप्ताह में कई नदियों में बाढ़ आ गई थी। बीते साल भी उत्तराखंड में अक्टूबर के में काफी बारिश हुई थी।
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