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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
संयुक्त किसान मोर्चा यानी एसकेएम के आह्वान पर आज जंतर-मंतर पर किसानों की महापंचायत होगी। इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। हालांकि पुलिस ने प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है। फलतः बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। किसान दिल्ली में प्रवेश ना कर सकें इसलिए जांच के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। फ़िलहाल धरना किसानों ने शुरू कर दिया है।
जंतर मंतर पर सुरक्षा कड़ी
वहीं यह भी बता दें कि जंतर-मंतर पर सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा व अन्य किसान संगठनों के महापंचायत के निर्णय को देखते पुलिस मुस्तैद हो गई है। पुलिस किसानों को बॉर्डर पर रोकने की कोशिश कर रही है, इसके लिए बाहरी जिला पुलिस ने टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। वहीं सीसीटीवी यहां हर पल को कैद कर रहा है।
माना जा रहा है कि किसान दिल्ली में आने के लिए टीकरी और सिघु बॉर्डर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
महापंचायत करने वाले किसानों की कई मांगे हैं। इनमें लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित परिवारों को इंसाफ, जेलों में बंद किसानों की रिहाई और नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग है। इसके अलावा स्वामीनाथन आयोग के सी2+50% फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी गारंटी का कानून, किसानों को कर्जमुक्त किया जाए, बिजली बिल 2022 रद करने, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने, तुरंत गन्ने की बकाया भुगतान करने, किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी केस वापस लेने और अग्निपथ योजना वापस लेने की मांगें शामिल हैं।
इससे पहले, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) – किसानों की एक संस्था – ने अपनी लंबित मांगों के लिए दबाव बनाने के लिए गुरुवार (18 अगस्त) से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 75 घंटे के धरने की शुरुआत करने की घोषणा की थी। एसकेएम एक छत्र समूह है जिसमें लगभग 40 कृषि संगठन शामिल हैं, जो मुख्य रूप से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के उचित कार्यान्वयन की मांग करते हैं। बीकेयू के नेता राकेश टिकैत केंद्र की धान खरीद नीति के खिलाफ नई दिल्ली में तेलंगाना नेताओं द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और कहा कि देश में एक और विरोध की जरूरत है।
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