संबंधित खबरें
Jammu and Kashmir: बडगाम में खाई में गिरी BSF जवानों की बस, 4 जवान शहीद, 32 घायल
मेरठ में बड़ा हादसा, तीन मंजिला मकान गिरने से कई घायल, मलबे में दबे पशु
किस दिन होगा केजरीवाल की किस्मत का फैसला? इस घोटाले में काट रहे हैं सजा
No Horn Please: हिमचाल सरकार का बड़ा फैसला, प्रेशर हॉर्न बजाने पर वाहन उठा लेगी पुलिस
Himachal News: बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छे दिन! जानें पूरी खबर
Rajasthan: चेतन शर्मा का इंडिया की अंडर-19 टीम में चयन, किराए के मकान में रहने के लिए नहीं थे पैसे
इंडिया न्यूज, श्रीनगर, (Fidayeen Attacker Tabarak Hussain): सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़े एक आतंकी ने पाकिस्तानी सेना व वहा की खुफिया एजेंसी की भारत के खिलाफ साजिश को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं। नौशेरा सेक्टर से दबोचे गए आतंकी तबारक हुसैन का कहना है कि आईएसआई में कर्नल रैंक के अधिकारी यूसुफ चौधरी ने हमले के लिए फिदायीन दस्ता एलओसी पर भेजा था। सेना की अग्रिम चौकियां आतंकियों के निशाने पर थीं। सुरक्षा बलों के साथ ही पत्रकारों के सवालों के जवाब में भी उसने ये राज उगले हैं।
राजौरी के सैन्य अस्पताल में भर्ती तबारक हुसैन ने बताया है कि उसे हमले के लिए 30 हजार रुपए दिए गए थे। सीमा पर जब तबारक हुसैन भारतीय सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़ा, उस समय उसके साथ वहां पर दो और आतंकी भी मौजूद थे। तारबंदी काटने के दौरान सुरक्षा बलों ने तबारक पर गोलीबारी कर घायल कर दिया। इस बीच अन्य आतंकी मौके से भाग गए और तबारक नहीं भाग सका।
ये भी पढ़े : हिमाचल प्रदेश के 10 व यूपी के 20 जिलों में बारिश की चेतावनी
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बलों ने गत 21 अगस्त की अलसुबह नौशेरा के झंगड़ इलाके में तीन आतंकियों की हलचल देखी। इस दौरान तबारक हुसैन तारबंदी के पास पहुंचकर तार काटने लगा, जबकि दो अन्य दहशतगर्द पीछे रहे। जवानों ने तबारक को चुनौती देते हुए कहा कि सरेंडर कर दो नहीं तो गोली मार दी जाएगी। यह सुनकर वह मौके से भागने लगा। जवानों ने फायरिंग कर दी जिसमें जिसमें तबारक को चार गोलियां लगी और वह गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर गया और अन्य आतंकी भाग निकले।
तबारक हुसैन ने खुद बताया है कि कर्नल यूसुफ से उसे हमले के लिए 30 हजार रुपए दिए थे। तबारक ने यह भी बताया कि भारतीय सेना की तीन चौकियों रेकी की गई थी और मौका मिलते ही हमला किया जाना था। तबारक का कहना है कि हमले को अंजाम देने के लिए तीन नहीं बल्कि कुल पांच आतंकी एलओसी पर पहुंचे थे। तबारक को उसके भाई हारून अली के साथ 2016 में भी पकड़ा गया था। कुछ वर्ष जेल में रखने के बाद उसे पाकिस्तान को लौटा दिया था।
सैन्य अधिकारी का कहना है कि तबारक के शरीर से काफी खून बह गया था। उसके शरीर से चार गोलियां निकाल ली गई हैं। अधिकारी ने बताया कि आतंकी को बचाने के लिए सेना के जवान ने अपना खून दिया है। तबारक की सर्जरी भी की गई है। सैन्य अस्पताल के कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव नायर ने बताया कि तबारक हुसैन की हालत स्थिर है। जवानों ने उसे खून देकर व अपने हाथों से खाना खिलाकर बचाया है।
कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव नायर ने बताया, सेना की गोलीबारी में घायल होने के बाद गिरफ्तारी के समय तबारक बिलख कर रोते हुए बोल रहा था, मैं यहां मरने आया था, मेरे साथ धोखा हुआ। साथी मुझे छोड़कर भाग गए और मैं भारतीय सेना के हाथों पकड़ा गया। नायर ने बताया कि उसकी बाजु व टांग के नीचे और प्राइवेट पार्ट के बाल मुंडाए गए थे। बता दें कि हमले से पहले फिदायीन आतंकी ऐसा करते हैं।
तबारक के छह भाई हैं और उसके पूरे परिवार में 15 लोग हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के सब्जकोट गांव और कोटली जिले का निवासी है। वह लंबे समय से आतंकवाद से जुड़ा था और उसे पाक सेना के मेजर रजाक ने ट्रेनिंग दी थी। उसने लश्कर-ए-तैएबा व जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के साथ भी छह माह की ट्रेनिंग ली है। आतंकी ने बताया कि पाक आर्मी आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए कई कैंप चला रही है।
ये भी पढ़े : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का करीबी प्रेम प्रकाश गिरफ्तार, घर पर मिली थी एके-47
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.