FIR In Tamil Nadu: तमिलनाडु में उत्तर भारतीय मजदूरों की कथित पिटाई का वीडियो मामले में पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि यहां उत्तरी राज्यों से आए प्रवासी मजदूर बिना किसी डर के जी रहे हैं। शांति भंग करने और तनाव पैदा करने के लिए झूठी खबरें फैलाने वालों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

  • बिहार से चार लोगों की टीम तमिलनाडु गई है
  • नीतीश कुमार ने मामले पर चिंता जताई थी
  • मजदूरों को फांसी देने तक की बात कही गई थी

तमिलनाडु पुलिस ने ट्विटर हैंडल तनवीर पोस्ट के मालिक दैनिक भास्कर के एक संपादक, बीजेपी नेता प्रशांत पटेल उमराव और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ गलत सूचना फैलाने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

डीजीपी ने बताया था झूठा

इससे पहले तमिलनाडु के डीजीपी सिलेंद्र बाबू ने दावे का खंडन किया और कहा कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया वीडियो एक पुरानी क्लिप है और प्रवासी श्रमिकों पर हमले का दावा झूठा है। डीजीपी ने कहा, “दो वीडियो पोस्ट किए गए हैं और दोनों झूठे हैं, ये दो घटनाएं पहले तिरुपुर और कोयम्बटूर में हुई थीं।”

चार सदस्योंं की टीम गई

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमले का एक कथित वीडियो सामने आने के बाद तमिलनाडु में काम कर रहे बिहारी प्रवासी मजदूरों पर हमलों के बारे में चिंता जताई। मुख्यमंत्री ने एक चार सदस्यों की टीम भी जांच के लिए भेजी है जो सीधे नीतीश कुमार को रिर्पोट देगी।

एसोसिएशनों ने भी जताई चिंता

मामला बढ़ने पर दक्षिणी भारत मिल्स एसोसिएशन (SIMA) और भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (CITI) ने जारी किया। एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि बिहारी प्रवासी श्रमिकों पर हमले दिखाने वाले वीडियो झूठे हैं। कक्कलूर इंडस्ट्रियल एस्टेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (KIEMA) के सचिव के बस्करन ने कहा कि ये अफवाहें राज्य में MSME उद्योगों को प्रभावित कर रही हैं।

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