G20 Summit 2023: पंजाब के अमृतसर में बुधवार यानि आज से जी-20 की बैठक शुरू होने जा रही है। जिसको लेकर सुरक्षा सहित सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मालूम हो केि जी-20 के कई कार्यक्रम अमृतसर में आयोजित हो रहे हैं और इसका मुख्य कार्यक्रम 15 से 17 मार्च तक शहर में आयोजित किया गया है जोकि शिक्षा पर आधारित है। इतना ही नहीं शहर में इसके साथ ही श्रम पर एल-20 की बैठक भी आयोजित की जा रही है जो 19 और 20 मार्च को होगी।

सुरक्षा तैयारियों का लिया गया जायजा

इस संबंध में पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने मंगलवार को जी-20 की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक खत्म हो जाने के बाद उन्होनें एक ट्वीट कर कहा कि सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेने और आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी हितधारकों के साथ बैठक करने के लिए अमृतसर पहुंचा। हमने सभी की सुरक्षा और संरक्षा को ध्यान में रखा है।

भगवंत मान ने आयोजन सफल बनाने के दिए निर्देश

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल में अधिकारियों को जी-20 बैठक के लिए तैयारियां तेज करने के निर्देश दिए थे। तैयारियों की समीक्षा करने के बाद सीएम मान ने अधिकारियों से कहा था कि आयोजन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छूटनी चाहिए।

सम्मेलन में अमेरिका सहित ये 19 देश शामिल

बता दें इस साल होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में भारत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका समेत 19 देश शामिल हैं।

प्रतिनिधियों ने गोल्डन टेंपल में मत्था टेका

वहीं गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (जीएनडीयू) में आयोजित होने वाले वाई20 परामर्श शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमृतसर पहुंचे पैनलिस्ट और जी20 देशों के प्रतिनिधियों के एक समूह ने मंगलवार को गोल्डन टेंपल में मत्था टेका और जलियांवाला बाग का दौरा किया।

कब हुई थी G-20 की स्थापना?

बता दें वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए एक मंच के रूप में एशियाई वित्तीय संकट के बाद 1999 में G20 की स्थापना की गई थी। मंच को बाद में 2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर राज्य और सरकार के प्रमुखों के स्तर पर अपग्रेड किया गया था, और 2009 में, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच नामित किया गया था।

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