Goat Contraversy: मुंबई के एक सोसाइटी में बकरा लाने पर विवाद
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Goat Contraversy: मुंबई के एक सोसाइटी में बकरा लाने पर विवाद, भारी पुलिस बल तैनात, लोगों ने कहा- सोसायटी में कुर्बानी नहीं करने देंगे

Roshan Kumar • LAST UPDATED : June 28, 2023, 12:27 pm IST
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Goat Contraversy: मुंबई के एक सोसाइटी में बकरा लाने पर विवाद, भारी पुलिस बल तैनात, लोगों ने कहा- सोसायटी में कुर्बानी नहीं करने देंगे

India News (इंडिया न्यूज़), Goat Contraversy, मुंबई: बकरीद से दो दिन पहले मुंबई की एक सोसाइटी में एक बकरे के आते ही बवाल मच गया। ऐसा महंगा हुआ की पुलिस बल को तैनात करना पड़ा। मुंबई के मीरा रोड पर स्थित इस निजी हाउसिंग कॉलोनी के अंदर बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरों को लाने के आरोप में पुलिस ने आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

  • दोनों तरफ से मामले दर्ज
  • जानवर काटने का नियम नहीं
  • पुलिस बल तैनात

मामले पर सोसायटी के एक निवासी ने कहा कि हमारी सोसायटी ने एक नियम पारित किया था कि किसी भी पशुधन को सोसायटी के अंदर आने की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन उन्होंने (सोसायटी के कुछ निवासियों) इसका उल्लंघन किया और दो बकरियों को अंदर ले आए। हम इसका विरोध कर रहे हैं और इसकी इजाजत नहीं देंगे।

दोनों तरफ से मामला दर्ज

यह हंगामा इतना बढ़ा की वहां हिंदूवादी संगठन बजरंग दल के लोग भी पहुंच गए। बकरा लेकर आने वाले लोगों ने भी मामले दर्ज करवाया है। परिवार की महिला सदस्य यास्मीन ने सोसाइटी के लोगों के खिलाफ कशिमिरा पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 143, 147, 149, 354, 323, 341, 504, 506 पर शिकायत दर्ज करवाई है।

हनुमान चालीसा का पाठ

बजरंग दल के लोगों ने वहां हनुमान चालीसा का पाठ किया और फिर जय श्रीराम के नारे भी लगाए। पुलिस के समझाने के बाद बवाल शांत हुआ और दोनों बकरे सोसाइटी के बाहर लेकर जाए गये। पुलिस ने नारेबाजी कर रहे लोगों को नियमों का हवाला देकर इस बात का आश्वासन दिया कि सोसाइटी के भीतर कुर्बानी नहीं दी जा सकती।

क्या है कुर्बानी की परंपरा

मान्यता है कि बकरीद के दिन इस्लाम धर्म के लोग कुर्बानी देते हैं। कहा जाता है हजरत इब्राहिम अल्लाह के बेहद करीब थे। अल्लाह के हुक्म के बाद वो अपने बेटे की कुर्बानी के लिए तैयार हो गए थे। जिसके लिए बेटे की कुर्बानी के वक्त आंखों पर उन्होंने एक पट्टी बांध ली थी। हालांकि जब उन्होंने आंखों से पट्टी उतारी तो उनका बेटा जिंदा था और उसकी जगह एक मेमना कुर्बान हो गया था। तभी से आज तक बकरीद के मौके पर बकरे और दूसरे जानवरों की कुर्बानी की परंपरा है।

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