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नई दिल्ली (The guidelines aim to ensure that individuals do not mislead their audiences when endorsing products or services) : ये दिशानिर्देश वैध विज्ञापनों के मानदंड और निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों की जिम्मेदारियों को दर्शाते है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने आज उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से, मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया इंनफ्युएंसर के एंडोर्समेंट के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया है। मंत्रालय ने कहा कि इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यक्ति उत्पादों या सेवाओं का समर्थन करते समय अपने दर्शकों को गुमराह न करें और वे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और किसी भी संबंधित नियमों या दिशानिर्देशों के अनुपालन में हों।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि तेजी से बढ़ती डिजिटल दुनिया के जवाब में सख्त दिशानिर्देशों की समय की जरूरत है, जहां विज्ञापन अब पारंपरिक मीडिया जैसे प्रिंट, टेलीविजन या रेडियो तक सीमित नहीं हैं। फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया की बढ़ती पहुंच के साथ, मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया प्रभावित करने वालों के अलावा वर्चुअल इन्फ्लुएंसर के प्रभाव में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इससे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन व्यक्तियों द्वारा विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं से उपभोक्ताओं के गुमराह होने का खतरा बढ़ गया है।
गाइड को 2019 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप जारी किया गया है। अधिनियम ने उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों से बचाने के लिए दिशानिर्देश स्थापित किए हैं। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 9 जून, 2022 को भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के लिए अनुमोदन, 2022 के लिए दिशानिर्देश प्रकाशित किए।
ये दिशानिर्देश वैध विज्ञापनों के मानदंड और निर्माताओं, सेवा प्रदाताओं, विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों की जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हैं। इन दिशानिर्देशों ने मशहूर हस्तियों और एंडोर्सर्स को भी छुआ। इसमें कहा गया है कि किसी भी रूप, प्रारूप या माध्यम में भ्रामक विज्ञापन कानून द्वारा प्रतिबंधित है।
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