इंडिया न्यूज़ (दिल्ली):दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश,पवन खेड़ा और नीता डिसूजा को दीवानी मानहानि के मुकदमे में सम्मन जारी किया गया है,यह मुकदमा केंद्रीय मंत्री स्मृति द्वारा दायर किया गया था,इसमें उनके और उनकी बेटी के खिलाफ गई आरोपों पर 2 करोड़ की भरपाई की मांग की गई थी.
न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्ण का विचार था कि ईरानी ने प्रथम दृष्टया मामला बनाया है और सुविधा का संतुलन उनके पक्ष में और प्रतिवादियों के खिलाफ है.
कोर्ट ने स्मृति ईरानी और उनकी और बेटी की पोस्ट,वीडियो,ट्वीट,रीट्वीट, मॉर्फ्ड तस्वीरों को हटाने और उनके पुन: प्रसार को रोकने के लिए निर्देश दिया,यदि कांग्रेस नेता इस आदेश के 24 घंटों के भीतर निर्देशों का पालन करने में विफल रहते है,तो 4-6 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सामग्री को हटाने के लिए कोर्ट ने निर्देशित किया है जिन पर सामग्रियों को पोस्ट किया गया था.
यह मामला कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रेस कांफ्रेंस और सोशल मीडिया के माध्यम से स्मृति ईरानी और उनकी बेटी पर लगाए गए विभिन्न आरोपों से संबंधित है,कांग्रेस नेताओ ने आरोप लगाया था की स्मृति ईरानी की बेटी जोइश ने अपने ‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ के लिए फर्जी दस्तावेज देकर ‘बार लाइसेंस’ जारी करवाए.’ रेस्टोरेंट में शराब परोसने के लिए लाइसेंस भी एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर लिया गया जिसकी मौत 13 महीने पहले मई 2021 में ही हो चुकी है.
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