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India News (इंडिया न्यूज़), Saurabh Bhardwaj: दिल्ली उच्च न्यायालय ने क्लिनिकल प्रतिष्ठानों को विनियमित करने के लिए कानून बनाने पर न्यायिक आदेशों का पालन नहीं करने के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भरद्वाज और स्वास्थ्य सचिव को फटकार लगाया है। साथ ही सौरभ भरद्वाज को दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार (21 मार्च) को चेतावनी दी कि उन्हें इसके लिए जेल भेजा जा सकता है। कोर्ट ने कार्यवाही के दौरान कहा कि वे सरकार के सेवक हैं और बड़े अहंकार नहीं रख सकते हैं। दरअसल, इस साल फरवरी में कोर्ट ने एक ईमेल देखने के बाद भारद्वाज और कुमार को उसके समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा था। उस मेल में कहा गया था कि दिल्ली स्वास्थ्य प्रतिष्ठान (पंजीकरण और विनियमन) विधेयक पर चर्चा के दौरान मंत्री को लूप में नहीं रखा गया था।
बता दें कि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि परेशान करने वाली बात है कि याचिकाकर्ता एक आम आदमी की दुर्दशा को उजागर कर रहा है। साथ ही हमें वह बता रहा है कि सभी प्रकार की लैब रिपोर्ट तैयार की जा रही हैं। जो सच और सही नहीं भी हैं, जिससे आम आदमी पीड़ित है। परंतु, कोर्ट ने आगे कहा कि आप दोनों के बीच का यह खेल है जो विभिन्न गुटों के बीच चल रहा है। यह अदालत के लिए अस्वीकार्य है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की बेंच ने कहा कि आपको व्यावहारिक होना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इन दो लोगों के बीच की लड़ाई से दलालों को फायदा न हो। साथ ही पीठ ने कहा कि यदि मंत्री और सचिव मुद्दों को संभालने में असमर्थ हैं तो अदालत किसी तीसरे पक्ष को चीजों को संभालने के लिए कहेगी।
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हाई कोर्ट ने फटकार लगते हुए आगे कहा कि हमारे साथ ऐसा मत करो नहीं तो तुम दोनों जेल जाओगे। अगर इससे आम आदमी को फायदा नहीं होगा तो हमें तुम दोनों को जेल भेजने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी। तुम दोनों बड़ा अहंकार नहीं कर सकते, तुम दोनों ही नौकर हो। कोर्ट ने कार्यवाही के दौरान कहा कि सरकार और आप दोनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आम आदमी को फायदा हो। आप क्या कर रहे हैं? लोगों को उनके रक्त नमूनों की गलत रिपोर्ट मिल रही है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट बेजोन कुमार मिश्रा की 2018 की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
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