India News (इंडिया न्यूज़), Imran Khan Jail, दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को अर्धसैनिक बलों ने भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। उन्हें कादिर ट्रस्ट मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से अर्धसैनिक बलों (रेंजर्स) द्वारा हिरासत में लिया गया था। 72 वर्षीय इमरान खान लगातार सेना और राजनीतिक नेतृत्व की आलोचना कर रहे थे।
- पाक पीएम गिरफ्तरा होते है
- कई पीएम को देश से निकाल दिया गया
- कई प्रधानमंत्रियों की हत्या कर दी गई
जानकार बताते है की आईएसआई की आलोचना करने के बाद उनका भाग्य तय हो गया। पूर्व प्रधान मंत्री को दो अलग-अलग मामलों में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में उपस्थित होना था – एक हत्या के प्रयास के आरोपों से संबंधित था और दूसरा एक विद्रोह मामले के बारे में था।
इस्लामाबाद में धारा 144
इमरान को एनएबी अध्यादेश 1999 की धारा 9 के तहत गिरफ्तार किया गया था और 1 मई को एनएबी द्वारा उनका वारंट जारी किया गया था। उन्हें पिछले अप्रैल में सत्ता से बेदखल किया गया था, इसलिए पूर्व पीएम पर सौ से अधिक मामलों दर्ज है। पिछले साल वह एक अविश्वास मत हार गए थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद, इस्लामाबाद पुलिस ने विरोध के कारण धारा 144 लागू कर दी। पाकिस्तान में प्रधानमंत्रियों के जेल जाने पर कार्यकाल पूरा न करने का लंबा इतिहास है। आइए एक नजर उर पर डालते है।
- पूर्व पीएम हुसैन शहीद सुहरावर्दी – उन्होंने सितंबर 1956 से अक्टूबर 1957 तक पाकिस्तान के पांचवें प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया था। चूंकि उन्होंने जनरल अयूब खान के सैन्य तख्तापलट का समर्थन करने से इनकार कर दिया था, इलेक्टिव बॉडीज डिसक्वालिफिकेशन ऑर्डर (एब्दो) के माध्यम से उन पर राजनीति में भाग लेने से बैन कर दिया गया। जुलाई 1960 में उनपर इस आदेश के उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया गया। दो साल बाद जनवरी 1962 में उन्हें 1952 के पाकिस्तान सुरक्षा अधिनियम के तहत “राज्य विरोधी गतिविधियों” के झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया गया और बिना मुकदमे के केंद्रीय जेल कराची में एकान्त कारावास में डाल दिया गया।
- जुलफेर अली भूट्टो- वह अगस्त 1973 से जुलाई 1977 तक प्रधान मंत्री थे। उन्हें सितंबर 1977 में एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की हत्या की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जुल्फिकार अली भुट्टो को 1979 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फांसी पर लटका दिया गया।
- बेनजीर भुट्टो- दो बार पाकिस्तान के पीएम रही पहले दिसंबर 1988 से अगस्त 1990 फिर अक्टूबर 1993 से नवंबर 1996 तक। जिया-उल-हक की तानाशाही के दौरान साल 1977 से 1988 के बीच भुट्टो विपक्षी नेता थीं। 1985 में वह अपने भाई की मृत्यु के बाद अपने देश लौट आई और उन्हें लगभग 90 दिनों तक नजरबंद रखा गया। कराची में एक सार्वजनिक रैली में सरकार की निंदा करने के लिए उन्हें में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 1986,1998, 1999 और 2007 में गिरफ्तार किया गया था। 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में बेनजीर पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं जिसमें उनकी मौत हो गई।
- नवाज शरीफ- 1999 में उन्हें जनरल परवेज मुशर्रफ ने निर्वासित कर दिया था और जब वे पाकिस्तान लौटे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद अपने शेष तीन वर्षों के निर्वासन को पूरा करने के लिए जेद्दा भेज दिया गया। बाद में, उनकी बेटी के साथ उन्हें राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
- शाहिद खाकान अब्बासी– जनवरी 2017 से मई 2018 तक पाकिस्तान के प्रधान मंत्री। जुलाई 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार। यह 2013 में एलएनजी के लिए अरबों रुपये के अनुबंध से जुड़ा मामला था। शाहिद को 2020 में जमानत पर रिहा किया गया।
- शहबाज शरीफ- सितंबर 2020 में वर्तमान प्रधान मंत्री को एनएबी मनी लॉन्ड्रिंग मामले के कारण हिरासत में ले लिया गया था। वह करीब सात महीने तक जेल में रहे।
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