संबंधित खबरें
Kota Mahotsav 2024: पर्यटन को लगेंगे पंख, कोटा की धरती पर होगा रंगों का संगम, 25 दिसंबर तक चलेगा कोटा महोत्सव
Jaipur News: धन्ना सेठ को शिकार बनाती थी लुटेरी दुल्हन, सपने दिखाकर हो जाती थी फरार, ऐसे लगी हाथ
Jaipur Engineer Suicide: ससुराल वालों के डर से इंजीनियर ने मौत को लगाया गले, मरने से पहले MAA से मांगी माफी
Give Up Abhiyan: सावधान! 31 जनवरी तक अगर नहीं हटवाया इस योजना से अपना नाम तो होगी कानूनी कार्रवाई
Madhya Pradesh News: नींद में था परिवार, तभी झोपड़ी में लगी आग, 3 लोग जलकर हुए राख
Vinay Saxena Vs Atishi: आखिर ऐसा क्या हुआ! जो CM आतिशी ने LG को कहा धन्यवाद
12 साल पहले जापान में आई सुनामी को इतनी आसानी से भुलाया नही जा सकता है। पुरी दुनिया में जापान एक ऐसा देश है, जो परमाणु बम का पहला और अंतिम भुक्तभोगी रहा है। चर्नोबिल के बाद फुकुशिमा में दूसरे सबसे बड़े परमाणु हादसे का शिकार होने के बाद जापान में परमाणु ऊर्जा के प्रति फैला असंतोष पूरी दुनिया में फैल गया। जब अगस्त 1945 में जापान के ही हिरोशिमा और नागाशाकी शहरों में परमाणु बम गिराए गए। जिससे दोनों शहर ध्वस्त हो गये थे। जापान इस परमाणु हमले के दुष्परिणामों से अभी तक उबर नही पाया है। हैरानी की बात तो यह है कि जापान ने अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए परमाणु ऊर्जा का ही सहारा लिया। जानकारी के लिए बता दे कि 2011 में आए सुनामी से पहले जापान में 30 प्रतिशत बिजली का उत्पादन परमाणु संयंत्रों से ही होता था।
एक दशक पहले आयी सुनामी ने पुरे जापान को हिला के रख दिया था। 2011 में जापान के पूर्वी प्रायद्वीप ओशिका से 70 किलोमीटर दूर रिक्टर पैमाने पर 9 तीव्रता वाला भूकंप आया था। बता दे कि भूकंप का केंद्र 24 किलोमीटर की गहराई पर था। इतने तेज भूकंप से पूरा पूर्वोत्तर जापान कांप उठा था और इसके करीब 20 मिनट बाद ही सुनामी लहरें उत्तर के होककाइदो और दक्षिण के ओकीनावा द्वीप से टकराईं और भारी तबाही मची। इस दौरान लगभग 15 हजार से अधिक लोग मारे गए थे। वही नेशनल पुलिस एजेंसीयों के मुताबिक 2,000 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं।
जापान के लोग आज भी समय – समय पर परमाणु ऊर्जा के खिलाफ प्रदर्शन करते रहते हैं। जापान सरकार सुरक्षा की चिंताओं को लेकर लगातार दूर करने के प्रयास मे जुटी रहती है। लेकिन ऐसे प्रयास मुख्य रूप से उद्दोग के स्तर पर किए जाते हैं और उन लोगो की चिंताएं कभी दूर नहीं की जा सकतीं जो ऐसी आपदाओं के शिकार हो चुकें हैं। कोई भी देश सार्वजनिक रूप से परमाणु ऊर्जा की रणनीतियों पर बात नहीं करता, चाहे वे सैन्य हों या नागरिक हो।़
ये भी पढ़ें – Bilawal Bhutto On Kashmir: बिलावल भुट्टो ने थक हारकर भारत को कहा दोस्त, कश्मीर पर दिया बड़ा बयान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.