India News (इंडिया न्यूज़), Humane’s Screenless Tech, नई दिल्ली: समय के साथ टेक्नोलॉजी में बदलाव आते रहते हैं। टेलीफोन के लिए एसटीडी- पीसीओ बूथ के बाहर लगने वाली लाइन, एंटीना वाले फोन, फिर फीचर फोन के बाद अब स्मार्टफोन का जमाना है। वॉयस कॉल छोड़िए, आज तो सीधे वीडियो कॉल पर बातें होती हैं। लेकिन समय का पहिया घूमता है तो बदलाव भी लाता है। स्मार्टफोन की दुनिया में ऐसा ही एक बड़ा बदलाव आने वाला है जो दुनिया का सिस्टम पलट सकता है।
प्रोडक्ट के प्रीव्यू ने चौंकाया
आने वाले दिनों में कॉल करने के लिए न स्क्रीन की जरूरत होगी न जेब में स्मार्टफोन रखने की। स्क्रीनलेस डिस्प्ले टेक्नोलॉजी दुनिया बदलने को तैयार है। इसकी शुरुआत कनाडा के वैंकूवर शहर में हो चुकी है। ऐप्पल के पूर्व कर्मचारी इमरान चौधरी ने पॉपुलर शो TED Talk में अपने AI डिवाइस की पहली झलक दिखाई। ये एक स्क्रीनलेस डिवाइस है यानी स्क्रीन की कोई जरूरत नहीं है। इस डिवाइस को उन्होंने जर्सी की पॉकेट में लगाया और थोड़ी ही देर बाद उनकी पत्नी और कंपनी की को-फाउंडर Bethany Bongiorno का कॉल आया। पॉकेट में रखे डिवाइस के प्रोजेक्टर ने इमरान की हथेली पर कॉल का रिफ्लेकशन शो किया। नाम के साथ कॉल को उठाने और काटने के ऑप्शन भी नजर आ रहे थे। बिल्कुल वैसे ही जैसे स्मार्टफोन की स्क्रीन पर नजर आता है।
Humane की स्क्रीनलेस टेक
बिना स्क्रीन वाला स्मार्टफोन अब हकीकत है। तकनीकी भाषा में इसे Humane’s Screenless Tech कहा जा सकता है। इमरान की कंपनी Humane सभी डिवाइस को अदृश्य करने की दिशा में काम कर रही है। इनका मकसद ऐसे प्रोडक्ट डिजाइन करना है जिन्हें कहीं भी आसानी से ले जाया जा सके। हालांकि उन्होंने डिवाइस के अन्य फीचर्स, कीमत और उपलब्धता पर अभी कुछ साफ नहीं बताया है। लेकिन इमरान के शब्दों में स्क्रीनलेस डिवाइस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का शानदार नमूना है।
कंपनी को मिला 8000 करोड़ का फंड
इमरान चौधरी की कंपनी Humane को इस डिवाइस के लिए भारी-भरकम फंड मिला है। कंपनी ने 100 मिलियन डॉलर (करीब 8,000 करोड़ रुपये) का फंड हासिल किया है। स्मार्टफोन के अलावा लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टवॉच जैसे डिस्प्ले वाले गैजैट्स से भी स्क्रीन गायब हो सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि इन गैजेट्स की जरूरत ही ना पड़े।
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