संबंधित खबरें
Himachal BPL Rules: सरकार ने बदली 'गरीबी' की परिभाषा, जानें अब कौन कहलाएगा गरीब? BPL के नए नियम जारी
नए साल पर घूमने जानें से पहले पढ़े UP-NCR की ट्रैफिक एडवाइजरी, ये हैं रूटों का प्लान
Maha Kumbh 2025: कुंभ की तैयारियों को देख अखिलेश ने बांधे तारीफों के पुल, बोले- कमियों की तरफ खींचते रहेंगे ध्यान
kota Night Shelters: खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग, अब तक नहीं किया गया रैन बसेरे का इंतजाम
Kotputli Borewell Rescue: 65 घंटे से बोरवेल में फंसी मासूम चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी, मां की बिगड़ी तबीयत
Ajmer Bulldozer Action: दरगाह के पास चला निगम का पीला पंजा, अवैध अतिक्रमण साफ, कार्रवाई से क्षेत्र में मचा हड़कंप
इंडिया न्यूज़ (इंडिया न्यूज़) : कर्नाटक में एक व्यक्ति के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस था। पति ने अपनी ही पत्नी पर दूसरे व्यक्ति से अवैध संबंध रखने का आरोप लगा दिया।अपने आरोप साबित करने के लिए उसने मोबाइल कॉल डिटेल और लोकेशन निकलवाने की मांग की थी। फैमिली कोर्ट ने साल 2019 में ये जानकारी निकालने का आदेश भी दे दिया था। अब कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया है और कहा है कि बिना किसी की मर्जी के उसके फोन की कॉल डिटेल या लोकेशन जैसी जानकारी नहीं निकाली जा सकती। कोर्ट ने इसे निजता के अधिकार का हनन माना है।
फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस नागप्रसन्ना ने कहा, ‘किसी व्यक्ति की निजी जानकारी भी उसकी निजता का हिस्सा है। इसे सार्वजनिक करना गोपनीयता का उल्लंघन है।’ यह मामला साल 2018 का है। 37 साल की एक महिला ने अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस दर्ज करवाया था। पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी का अफेयर किसी और व्यक्ति है।
अपना दावा साबित करने के लिए व्यक्ति ने कोर्ट में दलील रखी कि अगर उस तीसरे व्यक्ति की कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन निकाली जाए तो सच सामने आ जाए। फैमिली कोर्ट ने 23 फरवरी, 2019 को मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को आदेश दिया कि वह इस तीसरे व्यक्ति के मोबाइल फोन की जानकारी उपलब्ध कराए। इस तीसरे व्यक्ति ने फैमिली कोर्ट ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी।
हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई की और फैमिली कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत देश के नागरिकों को मिले जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार में निजता का अधिकार भी शामिल है। हर नागरिक का अधिकार है कि वह अपनी, अपने परिवार की, अपने पति या पत्नी की और अपने पार्टनर की निजता का ध्यान रखे और उसकी रक्षा करे।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.