संबंधित खबरें
Pali News: पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के काफिले में हुआ बड़ा हादसा, कई पुलिसकर्मी हुए घायल
MP Crime News: पत्नी और उसके रेप आरोपी से परेशान युवक ने दी जान, वीडियो ने खोला चौकानें वाला राज
Sultanpur Rape Case: घर में भी सुरक्षित नहीं बेटियां? 12वीं की छात्रा के साथ बलात्कार, मामला जान दहल जाएगा दिल
Chhattisgarh News: 12 साल के छात्र का कमाल देख उड़ जाएंगे होश, बंध आंखों से पढ़ता है किताब
Gorakhpur News: CM योगी ने जनता दर्शन में सुनी लोगों की फरियादें, बोले- 'मकान दिलाएंगे, इलाज भी कराएंगे…'
Indore Airport News: इंदौर एयरपोर्ट को मिलेगी नई सौगात, रनवे पर दौड़ेंगे बड़े विमान
India News (इंडिया न्यूज), Happy Gandhi Jayanti 2023: भारत इस साल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती को मनाने के लिए तैयार है। इस खास मौके पर हम आपको उनसे जुड़ी ऐसी बातें बताएं जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। आपको पता है पूरी दुनिया में अगर किसी एक शख्स पर सबसे अधिक किताबें लिखी गई हैं और दुनिया के हर देश में लिखी गई हैं तो वह हमारे बापू हैं।
एक ऐसे महान व्यक्ति जिन्होंने पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा के सर्वोच्च मानवीय मूल्यों के बीज बोए। इतना ही नहीं उन्होंने समाज को, लोगों को तमाम मानवीय विषमताओं के बावजूद समता का नजरिया दिया है। बापू ने ना केवल देश को आजाद कराने में अपना योगदान दिया बल्कि समाज से कई कूरीतीयों के भी दूर करने की नींव रखी। इसके बावजूद आज भी उनके कई सपने अधूरे हैं। उनमें महिलाओं को सभी बंधनों से मुक्त करना, दहेज प्रथा आदि। जानते हैं कि छुआछूत, बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों को जड़ से मिटाने में उनके कदम के बारे में।
छुआछूत हमारे समाज की एक ऐसी बीमारी है जिसने कई सालों तक लोगों को जकरे रखा। जब देश अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहा था तब हमारा समाज छुआछूत की जंग लड़ रहा था। कई ऐसे काम में जो नीची जाति से करवाए जाते थे जैसे मैला ढोना,सफाई करना आदि। दलित महादलित जातियों के साथ उठना बैठना, खाना-पीना, सामाजिक अपराध लोग मानते थे। जिसके खिलाफ महात्मा गांधी ने पूरे देश में अभियान चलाया था। उन्होनें चमार समुदाय के लिए काम किया। उन्हें समाज में उचित सम्मान दिलाने के लिए “हरिजन” उपनाम दिया गया। जिसका मतलब है प्रभु के लोग।
जहां तक स्त्रियों के अधिकार का सवाल है, मैं कोई समझौता नहीं करूंगा। नारी पर ऐसा कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए जो पुरुषों पर ना लगाया गया हो। नारी को अबला कहना उसकी मानहानि करना है। स्त्री और पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं। उसकी मानसिक शक्तियां पुरुष से जरा भी कम नहीं है।’
बापू कहते थे, कि ‘यदि मैं स्त्री रूप में पैदा होता तो मैं पुरुष द्वारा थोपे गए हर अन्याय का जमकर विरोध करता।’ गांधी ने कहा था कि, ‘दहेज को खत्म करना है, तो लड़के लड़कियों और माता-पिता को उनके जाति बंधन तोड़ने होंगे। सदियों से चली आ रही बुराइयों को खोजना होगा और उन्हें नष्ट करना होगा।
100 साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी हमारे समाज को दहेज प्रथा ने जकरे रखा है। आज भी देश में बाल विवाह की खबरें आती रहती हैं। आज हम चांद पर पहुंच रहे हैं लेकिन हमारी सोच अंतरिक्ष पर पहुंच गई है।
यह भी पढ़ें:-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.