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UP Uttarakhand: बारिश ने पहाड़ों पर कहर बरपाया हुआ है। भारी बारिश के चलते उत्तराखंड में तीन जिलों में चेतावनी जारी की गई है। वहीं भारी बारिश के कारण देहरादून में एक पुराने घर की छत गिर गई। जिससे 3 लोगों की मौत हो गई है। उत्तराखंड में हो रही बारिश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी गंगा जलस्तर काफी बढ़ गया है। वाराणसी मंडल के कई जिलों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर आ चुका है। वहीं प्रयागराज में भी गंगा-यमुना खतरे के निशान से 1.10 मीटर ऊपर आ गई है। यहां बाढ़ से लोगों का काफी बुरा हाल है। कई रास्ते भी बंद कर दिए गए हैं।
चंपावत, देहरादून और नैनीताल जिलों में अगले 24 घंटे के भारी बारिश की संभावना जताई गई है। जिसके चलते यहां येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है। मौसम विज्ञान के मुताबिक कई इलाकों में बिजली गिरने की भी आशंका है।
गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही तेज बारिश के कारण बढ़ोतरी जारी है। वाराणसी में रविवार को अस्सी घाट को गंगा की उफनाई लहरों ने पूरी तरह डूबो दिया है। बता दें कि अस्सी से नगवां वाली सड़क पर नाव चलाई जा रही हैं। वहीं मिर्जापुर में गंगा खतरे का लाल निशान पार कर चुकी हैं। बलिया में गंगा खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर तक बह रही हैं।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 71.26 मीटर से 61 सेंटीमीटर ऊपर 71.87 मीटर तक पहुंच चुका है। एक सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से पानी काफी तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। जिला प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव कार्य में तेजी कर दी गई है।
रविवार की रात उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रौद्र रूप धारण कर चुकी गंगा-यमुना खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर तक बहने लगी हैं। यहां पर गंगा केतटवर्ती मंदिरों, मार्गों तथा भवनों के ऊपर से बह रही हैं। गंगा के उफान के कारण बड़े हनुमान मंदिर का परिसर पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। अब हनुमान मंदिर की केवल पताका ही दिखाई दे रही है।
वहीं गंगा-यमुना के रौद्र रूप धारण करने से करीब पांच लाख से अधिक परिवार बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। बाढ़ से घिरे लोग अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में या रिश्तेदारों के घरों में शरण ले रहे हैं। यहां बाढ़ के कारण हर तरफ जलाप्लावन की स्थिति बन चुकी है। गऊघाट इलाके में भी रविवार को कई मकानों की मंजिल डूब गई हैं। साथ ही दो दर्जन से ज्यादा कॉलोनियां यहां पर जलमग्न हो चुकी हैं।
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