India News (इंडिया न्यूज), India Myanmar: भारत से लगी सीमा पर विद्रोहियों की ओर से नियंत्रण किए जाने संबंधी मामलों को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आज (गुरुवार) बयान जारी करते हुए कहा कि ”अपनी सीमा के पास ऐसी घटनाओं को लेकर हम सर्तक हैं। म्यांमार में मौजूदा स्थिति पर हमारी स्थिति साफ है। हमारी मांग है कि हिंसा ज्ल्द से जल्द खत्म हो। साथ ही स्थिति बहाल हो या रचनात्मक संवाद के जरिए स्थिति का समाधान निकाला जाए।”
उन्होंने बताया कि ”हम म्यांमार में शांति, स्थिरता और लोकतंत्र की वापसी के लिए अपना आह्वान को एक बार फिस से दोहराते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि म्यांमार के नागरिक 2021 से बड़ी संख्या में भारत में शरण ले रहे हैं। संबंधित पड़ोसी राज्यों में स्थानीय अधिकारी मानवीय आधार पर स्थिति को संभालने में जुटे हैं।”
पुलिस अधिकारी ने दी जानकारी
इससे पहले एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि भारत-म्यांमार सीमा पर स्थिति अब शांत इसलिए है क्योंकि म्यांमार सेना और पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के लोगों के बीचम्यांमार झड़प नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि ”फिलहाल स्थिति अब शांत है। हमें उम्मीद है कि अगले दो से तीन दिनों में भारत-सीमा पर स्थिति सामान्य हो जाएगी। आगे क्या होगा इसकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है।”
पांच हजार लोगों ने लिया शरण
मिली जानकारी के मुताबिक म्यांमार की सेना और पीडीएफ के बीच झड़प में के बाद चिन राज्य के खवीमावी, रिहखावदार और पड़ोसी गांवों के लगभग पांच हजार लोग भाग कर मिजोरम के जोखावथर में शरण लिया है। बता दें कि भारत म्यांमार के साथ 510 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है। जोरम में शरण लेने वाले म्यांमार के नागरिक चिन समुदाय से आते हैं। चिन और मिजो एक ही जातीय समूह ‘जो’ से संबंधित हैं।
Also Read:
- MP Election 2023: क्या कमलनाथ और शिवराज बचा पाएंगे अपना गढ़? इन VIP सीटों पर होगी सबकी नजर
- Chhath Special Trains: छठ पर जाने के लिए चली स्पेशल ट्रेन, जानें रूट और टाइमिंग
- Fire in Train: ट्रेन में आग लग जाए तो यात्रियों को कितना मिलता है मुआवजा, जानिए रेलवे के नियम