इंडिया न्यूज, New Delhi News। Indian Stealth Drone : शुक्रवार को भारत ने रक्षा के क्षेत्र में एक और सफल उड़ान भरी है। इस परीक्षण की सफलता के बाद अब भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर भी बढ़ा शुरू कर दिया है। बता दें कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने अमेरिका के बी-2 बमवर्षक की तरह दिखने वाले आटोनामस फ्लाइंग विंग टेक्नोलाजी डिमान्स्ट्रेटर का सफल परीक्षण किया है।
बता दें कि यह परीक्षण कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनाटिकल टेस्ट रेंज में किया गया। यह विमान पूरी तरह से स्वचालित है। इसमें स्वयं टेकआफ, वे प्वाइंट नेविगेशन और आसानी से लैंडिंग की क्षमता है।
बता दें कि यह विमान भविष्य में रक्षा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इस विमान को बेंगलुरु स्थित एयरोनाटिकल डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट ने बनाया है। यह एक छोटे टबोर्फैन इंजन से उड़ता है। इस विमान में लगाए जाने वाले एयरफ्रेम, अंडर कैरिज और संपूर्ण उड़ान नियंत्रण और एवियोनिक्स सिस्टम सब भारत में ही बनाए गए हैं।
इस सफलता के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह स्वायत्त विमानों की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। इससे महत्वपूर्ण सैन्य प्रणालियों के रूप में आत्मनिर्भर भारत का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
बता दें कि पिछले लगभग 10 सालों में मानव रहित विमानों का उपयोग बढ़ गया है। यूएवी को बीते साल के आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच हुए नागोर्नो-कराबाख संघर्ष के दौरान पहचान मिल गई है, जिसमें युद्ध के मैदान पर ड्रोन पूरी तरह से हावी हो गए थे। यूएवी यानी ड्रोन तकनीक तक अब आतंकियों की भी पहुंच बनती जा रही है।
बता दें कि बीते वर्ष भारतीय सेना प्रमुख ने भी कहा था कि ड्रोन हमले का खतरा कितना गंभीर है। उनकी ओर से रक्षा क्षेत्र में यूएवी ड्रोन की आवश्यकता के बारे में भी बताया गया था। यही कारण है कि देश में प्रभावी लड़ाकू ड्रोन बनाने के स्वदेशी प्रयास चल रहे हैं।
चित्रदुर्ग में किया गया परीक्षण इसी प्रयास में एक बड़ा कदम है। जानकारी अनुसार 3 से 4 साल के अंदर-अंदर स्टेल्थ ड्रोन भारतीय सेना के पास होगा। इसकी मदद से सीमाओं पर नजर रखी जाएगी। आतंकवादियों के ठिकानों को उड़ाने और उनके मनसूबों को निशक्रिय करने में भी यह काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।
जानकारी अनुसार भारत ड्रोन और यूएवी के मामले में पाकिस्तान से एक दशक और चीन से काफी ज्यादा पीछे था। पाकिस्तान और चीन लड़ाकू ड्रोन समेत कई हथियारों को विकसित करने और पाने के लिए एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। इसलिए भारत ने इन दोनों विरोधियों को कड़ा जबाव देने के लिए घातक स्टेल्थ ड्रोन का निर्माण किया है।
बताया जा रहा है कि वैसे तो पिछले साल ही इसकी तस्वीरें सामने आ गई थीं। कुछ परीक्षण भी इसको लेकर किए गए थे। स्टेल्थ विंग फ्लाइंग टेस्टेड बुलाया जा रहा था। लेकिन इसकी जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया था। 2025-26 तक इसके सारे परीक्षणों के बाद इसे सेना में शामिल किया जाएगा।
मिली जानकारी अनुसार भारतीय नौसेना में इसे शामिल करने को लेकर एक डेक-आधारित लड़ाकू यूएवी वेरिएंट की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। साल 2025 से 2026 के बीच में स्टेल्थ ड्रोन घातक का प्रोटोटाइप लोगों के सामने आ सकता है। बीते साल ही भारतीय सेना ने 75 लड़ाकू ड्रोन के साथ स्वार्म ड्रोन तकनीक का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया था।
बता दें कि डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने इसके आकार, वजन, रेंज आदि के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। फिर भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यह 30 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसका वजन 15 टन से कम है। इस ड्रोन से मिसाइल, बम और प्रेसिशन गाइडेड हथियार दागे जा सकते हैं।
इसमें स्वदेशी कावेरी इंजन लगा है। यह 52 किलोन्यूटन की ताकत विमान को मिलती है। अभी जो प्रोटोटाइप है उसकी लंबाई 4 मीटर है। विंगस्पैन 5 मीटर है। यह 200 किलोमीटर की रेंज तक जमीन से कमांड हासिल कर सकता है। अभी एक घंटे तक उड़ान भर सकता है।
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.