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महाराष्ट्र में निर्भया फंड की गाड़ियों से विधायकों की कथित सुरक्षा पर सियासत गरमा गई है. विपक्षी दल शिंदे सरकार पर हमलावर हो गए हैं. दरअसल, एक पुलिस अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अपराध से लड़ने के लिए निर्भया फंड के तहत इस साल की शुरुआत में मुंबई पुलिस द्वारा खरीदे गए कुछ वाहनों का उपयोग वर्तमान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के विधायकों और सांसदों को वाई-प्लस सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जा रहा है.
पुलिस अधिकारी के इस खुलासे के बाद कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सहित अन्य दल शिंदे सरकार पर निशाना साध रहे हैं.समाजवादी पार्टी के सांसद जया बच्चन ने कहा, ‘ऐसे लोगों को इस्तीफा देना चाहिए, जिन्होंने इस प्रकार से दुरुपयोग किया है. उनको सारी महिलाओं माफी मांगनी चाहिए. मैं क्या शब्द इस्तेमाल करूं इनके लिए? ये बहुत शर्म की बात है.’ बता दें कि इस साल शहर पुलिस ने जून में निर्भया कोष के तहत प्राप्त 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से 220 बोलेरो, 35 एर्टिगा, 313 पल्सर बाइक और 200 एक्टिवा खरीदे गए थे.
विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि क्या सत्तारूढ़ विधायकों की सुरक्षा महिलाओं की सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है.महिला सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को लागू करने के लिए केंद्र द्वारा 2013 से राज्य सरकारों को निर्भया कोष के जरिए धन दिया जा रहा है.अधिकारी ने कहा, जून में वाहनों की खरीद के बाद, उन्हें जुलाई में सभी 97 पुलिस थानों, साइबर, यातायात और तटीय पुलिस इकाइयों को वितरित कर दिया गया.
उन्होंने कहा, इन वाहनों में से, 47 बोलेरो, मुंबई पुलिस के मोटर परिवहन विभाग द्वारा राज्य पुलिस के वीआईपी सुरक्षा अनुभाग के एक आदेश के बाद कई पुलिस थानों से मांगे गए थे, जिसमें कहा गया था कि शिंदे गुट के सांसदों और विधायकों की वाई-प्लस सुरक्षा मुहैया कराने के लिए इन वाहनों की आवश्यकता है.साथ ही उन्होंने कहा कि हालांकि, इन सांसदों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किए गए वाहनों में से 17 वाहनों को आवश्यकता पूरी होने के बाद पुलिस थानों में वापस कर दिया गया.
अधिकारी ने कहा, लेकिन 30 बोलेरो अभी तक वापस नहीं आई हैं, जिससे संबंधित थानों के अधिकार क्षेत्र में पुलिस गश्त प्रभावित हुई है.कांग्रेस और राकांपा ने सत्तारूढ़ दल के सांसदों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए वाहनों को इस्तेमाल करने के लिए शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की.
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