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जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में यूपी के रहने वाले दो मजदूरों की आतंकी हमले से जान चली गई। सोमवार रात हुए इस हमले में यूपी के जिन दो मजदूरों ने अपनी जान गवाई उनका नाम था मनीष कुमार और राम सागर। दोनों मजदूर एक टीन शेड के नीचे सो रहे थे। उनपर आतंकियों ने हथगोला फेंक दिया। दोनों मजदूर उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले थे। सुरक्षाबलों ने इस मामले में इमरान बशीर गनी नाम के हाइब्रिड आतंकी को गिरफ्तार किया है। बाकी की धरपकड़ के लिए कोशिश जारी है। शोपियां में लगातार होती टारगेट किलिंग के बाद जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा आज वहां का दौरा करेंगे। शोपियां में ही तीन दिन पहले एक कश्मीरी पंडित पूरन किशन भट की आतंकियों ने दिनदहाड़े घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह हमला ऐसे वक्त में हुआ, जब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आज(18 अक्टूबर) शोपियां के दौरे पर जा रहे थे।
आतंकवादियों ने शोपियां के हरमेन में ग्रेनेड फेंक, जिसमें उत्तर प्रदेश के कन्नौज निवासी 2 मजदूर मोनीष कुमार और राम सागर घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। इलाके में घेराबंदी कर दी गई है: जम्मू-कश्मीर पुलिस
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 17, 2022
बता दें जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद कुछ दिन कड़ी सुरक्षा की वजह से आतंकियों को वारदात करने का मौका नहीं मिला। अतिरिक्त सुरक्षा बल हटाए जाने के बाद से टारगेट किलिंग का सिलसिला शुरू हो गया। आतंकवादी अब कश्मीरी पंडितों के अलावा दूसरे राज्यों से कामकाज के सिलसिले में आए लोगों को निशाना बना रहे हैं। बिहार के मजदूरों के अलावा चाट वगैरा बेचने वालों को भी आतंकियों ने कई बार निशाना बनाया है। हालांकि, हर हमले में शामिल आतंकियों को मौत के घाट उतारा जाता रहा है। बावजूद इसके टारगेट किलिंग की घटनाएं लगातार हो रही हैं।
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि शोपियां और पुलवामा जैसे इलाके हमेशा आतंकियों का गढ़ रहे हैं। यहां सुरक्षाबलों की बड़े पैमाने पर तैनाती की जाती है, लेकिन आतंकी ऐसे वक्त और ऐसी जगह हमले के लिए चुनते हैं, जहां लोगों की जान बचा पाने में सुरक्षाबलों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गृहमंत्री अमित शाह ने बीते दिनों कश्मीर के दौरे के वक्त आतंकियों से निपटने के लिए नई रणनीति बनाने के निर्देश दिए थे। उसके बाद लगातार 3 लोगों की टारगेट किलिंग शोपियां में हो चुकी है।
हाइब्रिड आतंकवादी वो कट्टरपंथी लोग हैं, जो सुरक्षाबलों की लिस्ट में शामिल नहीं हैं। ये आतंकवादी हमले करते हैं और बिना कोई निशान छोड़े फिर से अपने नियमित जीवन में लौट जाते हैं। यानी ये सिर्फ घटनाओं को अंजाम देने के लिए आतंकवादी घटनाओं में एक्टिव होते हैं। बाकी समय सामान्य जीवन बिताते हैं।
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