जोशीमठ/उत्तराखंड:- जोशीमठ में तेजी से केंद्र और राज्य सरकारें मिल कर राहत और बचाव का काम कर रहे है। इसी क्रम में रुड़की की केंद्रीय बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम ने जोशीमठ में उन घरों को चिन्हित कर उसपर “अनुपयोगी” का पोस्टर लगा रहे है, जो भूस्खलन के बाद रहने लायक नहीं बचे है।
सीबीआरआई की टीम ने आज से जोशीमठ में भू-धंसाव की जांच शुरू कर दी है और घर-घर जाकर सर्वे कर रहे है, जिसकी रिपोर्ट सरकार के पास 25 जनवरी को सौंपी जाएगी। जिन घरों में गंभीर दरारें आयी हैं उसमें गेज मीटर को भी लगाया गया है। सीबीआरआई की इंजीनियरों टीम नौ वार्डों में 4,000 घरों का निरीक्षण करेगी।
सीबीआरआई के मुख्य अभियंता अजय चौरसिया ने कहा, “गेज मीटर को शून्य पर सेट करने के बाद दरार के ऊपर रखा गया है और कुछ दिनों में फिर से इसकी निगरानी की जाएगी। अगर दरार चौड़ी हो गई होती तो मीटर डिफ्लेक्शन दिखाएगा।”
सीबीआरआई की टीम के साथ-साथ पर्यावरण और जलवायु वैज्ञानिक की टीमें भी जोशीमठ के प्रभावित इलाकों का सर्वे कर रही है। न्यूज़ एजेंसी ANI से वैज्ञानिक डॉ जेसी कुनियाल ने बताया, “हम पर्यावरण और पारिस्थितिक आकलन करेंगे और यहां पानी की गुणवत्ता का भी आकलन करेंगे। हमारे पास विभिन्न क्षेत्रों में चार-पांच टीमें काम कर रही हैं।”
जोशीमठ में जमीन धंसने के मद्देनजर राज्य मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को प्रभावित परिवारों के लिए राहत के तौर पर 45 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.