संबंधित खबरें
Give Up Abhiyan: सावधान! 31 जनवरी तक अगर नहीं हटवाया इस योजना से अपना नाम तो होगी कानूनी कार्रवाई
Madhya Pradesh News: नींद में था परिवार, तभी झोपड़ी में लगी आग, 3 लोग जलकर हुए राख
Vinay Saxena Vs Atishi: आखिर ऐसा क्या हुआ! जो CM आतिशी ने LG को कहा धन्यवाद
Fake army officer: सेना का फर्जी अफसर बन विदेशी महिला के साथ कांड…फिर शर्मसार हुई ताज नगरी
UP News: अखिलेश यादव ने खेला बड़ा दाव, घर-घर पहुंचा PDA का पर्चा, अंबेडकर विवाद में नया मोड़
Kuno National Park: कुनो नेशनल पार्क से फिर फरार हुआ चीता, वीडियो आया सामने, लोगों में दहशत का माहौल
इंडिया न्यूज, New Delhi News। Hijab Controversy: कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर पिछले काफी लंबे समय से विवाद चल रहा है। पहले इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट की तरफ से स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है, जिसके बाद से सुप्रीम कोर्ट में भी कई बार इस मामले पर बहस हो चुकी है। वहीं आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार ने कहा है कि किसी को भी मनमानी आजादी नहीं दी जा सकती।
कर्नाटक सरकार का पक्ष रख रहे अडिशनल सॉलिसिटरल जनरल केएम नटराज ने कहा, ‘सभी धर्मों के बीच संतुलन बनाया जाना चाहिए। कोई भी यह नहीं कह सकता कि उसके पास मनमाने अधिकार हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि केस को बड़ी बेंच में भेजने की जरूरत है। कर्नाटक सरकार ने कहा कि यह शिक्षण संस्थानों में सामान्य अनुशासन का केस है और इसे बड़ी बेंच में भेजने की जरूरत नहीं है।
वहीं उन्होंने अदालत से कहा कि सरकार ने हिजाब पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि हिजाब पर सरकार ने कोई बैन नहीं लगाया है बल्कि यह बताया है कि किसी भी धर्म से परे स्कूलों और कॉलेजों की यूनिफॉर्म क्या होनी चाहिए।
कर्नाटक सरकार ने कहा कि हमारी ओर से न तो किसी धार्मिक गतिविधि पर कोई रोक है और न ही किसी को अलग से बढ़ावा ही दिया जा रहा है। एजी प्रभुलिंग नवादगी ने कहा कि स्कूल वाहन या फिर कैंपस में हिजाब पहनने पर कोई रोक नहीं है। यह सिर्फ क्लासेज के दौरान है।
इसके अलावा अदालत ने गुरुवार को भी इस मामले में सुनवाई जारी रखने की बात कही है। प्रदेश सरकार ने अदालत में कहा कि यदि कोई क्लास में हिजाब नहीं पहनता है तो उसके मूल अधिकारों का उल्लंघन नहीं होता है।
एजी ने तीन तलाक और गोहत्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि ये चीजें इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं थीं। इसी तरह याचिकाकर्ताओं को यह साबित करना चाहिए कि कैसे हिजाब पहनना इस्लाम का जरूरी अंग है।
उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि स्कूलों और कॉलेजों में यूनिफॉर्म तय की जाए। इसका मकसद किसी भी वेशभूषा पर रोक नहीं है बल्कि संस्थान में सामान्य अनुशासन तय करना ही है।
ये भी पढ़े : नीरा राडिया टेप केस: नीरा राडिया को सीबीआई से क्लीन चिट, सुप्रीम कोर्ट में सौंपनी होगी स्टेटस रिपोर्ट
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.