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नई दिल्ली (Republic day): गणतंत्र दिवस के मौके पर भी केंद्र और विपक्ष शासित राज्यों के बीच टकराव देखने को मिला। तेलंगाना और तमिलनाडु में गवर्नर की चाय पार्टी वहां की सरकारों ने बहिष्कार किया। 26 जनवरी पर दिए भाषणों में विपक्ष शासित सूबों के प्रमुखों का रवैया केंद्र के विरोध का ही रहा। वहीं अरविंद केजरीवाल ने चीन के साथ तकरार के बावजूद कारोबार बढ़ने पर चिंता जाहिर की और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और ममता बनर्जी ने संविधान बचाने की अपील की।
तेलंगाना और तमिलनाडु के राज्यपालों ने 26 जनवरी पर चाय पार्टी का आयोजन किया था। तेलंगाना में केसीआर ने राज्यपाल के न्योते को अनदेखा किया। वहीं तमिलनाडु में डीएमकी सहयोगी पार्टियों ने गवर्नर हाउस जाने से परहेज किया। दोनों ही सूबों में राज्यपालों से स्टालिन और केसीआर की सरकारों का 36 का आंकड़ा है। तेलंगाना में गवर्नर तमिलिसै सौंदरराजन और तमिलनाडु में केटी रवि ने चाय पार्टी का आयोजन किया था।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 26 जनवरी को अपने भाषण में चीन के साथ तकरार और उसके बाद भारत के साथ उसका कारोबार बढ़ने पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि एक तरफ हमारे जवान शहीद हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार चीन से गलबहियां डाल रही है। उनका कहना था कि चीन का पूरी तरह से बॉयकाट होना चाहिए। केजरीवाल ने केंद्र शासित सूबों के साथ राज्यपालों और उप राज्यपालों के सौतेले बर्ताव पर भी अपनी बात कही। उनका कहना है कि इसी वजह से लोकतंत्र खतरे में है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लोगों से संविधान के साथ- साथ देश को मजबूत करने में अपना सहयोग देने की अपील की। उन्होंने न्यायपालिका को भी मजबूत बनाने पर जोर दिया। ममता ने बीजेपी की नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोलीं। वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में न्यायपालिका को मजबूत बनाने की बात कही। वो भी संविधान को बचाने की अपील करते दिखे।
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