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Khalistan:खालिस्तानी अलगाववादी पन्नू के बचाव में इंटरपोल,पन्नू के खिलाफ भारत के रेड कार्नर नोटिस को नकारा

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : October 12, 2022, 8:12 pm IST
Khalistan:खालिस्तानी अलगाववादी पन्नू के बचाव में इंटरपोल,पन्नू के खिलाफ भारत के रेड कार्नर नोटिस को नकारा

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : खालिस्तान के अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ मामले में केंद्र सरकार को झटका लगा है। इंटरपोल ने खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के कनाडाई फाउंडर और कानूनी सलाहकार पन्नू के खिलाफ आतंक के आरोपों में रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के भारत के दूसरे आग्रह को भी ठुकरा दिया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों के अनुसार इंटरपोल ने यह भी कहा कि जिस यूएपीए के तहत रेड कॉर्नर नोटिस के लिए कहा गया था, उस कानून की आलोचना अल्पसंख्यक समूहों और अधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए दुरुपयोग करने पर की गई है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक  इंटरपोल ने स्वीकार किया कि पन्नू एक ‘हाई-प्रोफाइल सिख अलगाववादी’ है और एसएफजे एक ऐसा समूह है, जो स्वतंत्र खालिस्तान की मांग करता है. इस संगठन पर भारत ने प्रतिबंध लगा दिया है।

इंटरपोल आयोग ने भारत को अगस्त में अपने फैसले से अवगत करा दिया था

सूत्रों के अनुसार जून में आयोजित एक सत्र के दौरान इंटरपोल के आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि भारत के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा अपर्याप्त जानकारी प्रदान की गई है, जो ‘अपराध की आतंकवादी प्रकृति’ और ‘आतंकवादी गतिविधियों में पन्नू की सक्रिय और सार्थक भागीदारी’ नहीं दिखाती।

भारत ने रखा इस मामले में पक्ष

भारत ने कहा कि पन्नू का लक्ष्य पंजाब में आतंकवाद को वापस जिंदा करना था और अपने अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए मासूमों की हत्या करना था।

पन्नू ने दिया था इंटरपोल को आवेदन

सूत्रों के अनुसार आयोग को दिए अपने आवेदन में पन्नू ने अपने लगे आरोपों को खारिज कर दिया और भारत के निवेदन को एक एक्टिविस्ट की आवाज दबाने का कदम बताया। उन्होंने इससे भी इनकार किया कि एसएफजे एक आतंकवादी संगठन है।

इंटरपोल का फैसला

सूत्रों के मुताबिक, इंटरपोल आयोग का फैसला इंटरपोल संविधान के अनुच्छेद 3 पर आधारित है, जो संगठन को राजनीतिक, सैन्य, धार्मिक या नस्लीय चरित्र के किसी भी हस्तक्षेप या गतिविधियों को करने से रोकता है। इंटरपोल ने इससे पहले जनवरी 2019 में भी पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस का पुराना निवेदन खारिज कर दिया था, जो कि नवंबर 2018 में भारत की तरफ से दिया गया था। आयोग ने इस ओर भी इशारा किया कि पन्नू को बिना दोषसिद्धि ही यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया गया।

गृह मंत्रालय के अनुसार पन्नू मोस्ट वांटेड के अनुसार

पन्नू गृह मंत्रालय द्वारा यूएपीए के तहत सूचीबद्ध 38 आतंकवादियों में से एक है। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के अलावा पन्नू के खिलाफ अकेले पंजाब में 22 मामले दर्ज हैं, जिनमें से कुछ एनआईए द्वारा अपने पास स्थानांतरित कर लिए गए हैं।

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