History Of Color: देश में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाले त्योंहारो मे से एक होली सिर्फ हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि अन्य देशों मे भी मनाया जाता है। इस दिन लोग एक दुसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं, घरों में खूब सारे पकवान बनाएं जाते हैं। रंगों के इस त्योहार के दिन हम अनेकों प्रकार के रंगो स परिचीत होते हैं। आज दुनिया मे भला कौन रंगो से परिचित नही है। क्योंकि हर इंसान के लिए रंग काफी महत्वपुर्ण भुमिका निभाता है। सिर्फ होली के रंगो की ही बात नहीं है इसके अलावा इंसान अपनी वस्तुए रंगो के आधार पर पसंद करता है। चाहे वह कपड़े हो या गाड़ी या फिर कोई अन्य चिज हो। ऐसे मेें आज हम आपको रंगो काृे इतिहास बारे में बताएंगे है ? और दुनिया के सबसे पुराने रंग के बारे में भी बात करेंगे।
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी की नूर गुएनेली ने बताया, ‘ये चटख गुलाबी रंगवर्ण क्लोरोफिल के मॉलेक्यूलर जीवाश्म हैं जिसका उत्पादन समु्द्र में रहने वाले प्राचीन प्रकाश संश्लेषक जीवों ने किया और इन जीवों के अस्तित्व नहीं रहने के बावजूद लंबे समय से यह वहीं मौजूद था।’पीएनएएस मैगजीन में छपे अध्ययन के मुताबिक, जीवाश्मों से मिले रंगों में गहरे लाल रंग से लेकर बैंगनी रंग गाढ़े रूप में मौजूद थे, लेकिन जब उन्हें तरल पदार्थ मिलाकर पतला किया गया तब इनमें से चटख गुलाबी रंग मिला।
ऑस्ट्रेलियन रिसर्च के द्वारा करीब 1.1 अरब साल पुराना यह चटख गुलाबी रंग अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में काफी गहराई में मिले चट्टानों से निकाला गया है। उन्होंने कहा कि हम यह साफ कह सकते है कि जबसे पृथ्वी की उत्पत्ति हुई है, तभी से गुलाबी रंग इस दुनिया में मौजूद है। तो यह बात पूरी तरह से सच है कि काला और सफ़ेद नहीं, बल्कि गुलाबी रंग है दुनिया का सबसे पुराना रंग।
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