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वीर सावरकर की तरह "गांधी" भी लिखते थे ब्रिटिश हुकूमत को पत्र, गाँधी का लिखा पढ़ राहुल बताएंगे उनको अंग्रेजों का सिपहसालार?

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : November 17, 2022, 11:02 pm IST
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वीर सावरकर की तरह

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर निकले कॉन्ग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी ने हिंदू बनाम हिंदुत्व के अपने मुद्दे को धार देने के लिए एक बार फिर स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के नाम सहारा लिया है। राहुल गांधी ने एक चिट्ठी दिखाते हुए कहा कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी माँगी थी और उनके मददगार थे। आपको बता दें, मौजूदा सरकार के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंदता हो या कांग्रेस पार्टी का कोई बड़ा इवेंट राहुल गाँधी “वीर सावरकर ” का अपमान कर ही अपनी सियासी पारी को जिंदा रखना कहते हैं।

आपको बता दें ,अपनी यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के वाशिम में पहुंचे कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को एक सभा में कहा कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और जेल में रहने के दौरान माफीनामा लिखकर महात्मा गाँधी और भारतीय नेताओं को धोखा दिया था। वहीँ राहुल के इस बयान पर शिवसेना ने जमकर आलोचना की है। शिवसेना ने सावरकर के अपमान पर राहुल को ऐसी नसीहत देनी चाही है कि महाराष्ट्र में शिवसेना का साथ और दिल्ली में सावरकर का अपमान एकसाथ नहीं चलेगा।

सावरकर बहाना हिंदुत्व निशाना?

जानकारी हो, राहुल गाँधी ने सावरकर कि संदर्भ में कहा, “सावरकर ने अंग्रेजों को खत लिखकर कहा था कि सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूँ। जब सावरकर जी ने माफीनामे पर हस्ताक्षर किए तो उसका कारण डर था। अगर वह डरते नहीं तो वह कभी हस्ताक्षर नहीं करते। इससे उन्होंने महात्मा गाँधी और उस वक्त के नेताओं के साथ धोखा दिया था।”

राहुल गाँधी ने आगे कहा, “सावरकर ने अंग्रेजों को खत लिखकर कहा था कि सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूँ। जब सावरकर जी ने माफीनामे पर हस्ताक्षर किए तो उसका कारण डर था। अगर वह डरते नहीं तो वह कभी हस्ताक्षर नहीं करते। इससे उन्होंने महात्मा गाँधी और उस वक्त के नेताओं के साथ धोखा किया था।”

सावरकर के पोते ने राहुल के खिलाफ दर्ज कराया मामला

ज्ञात हो, राहुल गाधी के इस बयान पर भाजपा और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आपत्ति जताई है। सावरकर के अपमान पर महाराष्ट्र की कैबिनेट में निंदा प्रस्ताव पास किया गया। वहीं, सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने राहुल गाँधी के खिलाफ सावरकर का अपमान करने का मामला दर्ज कराया है।

राहुल के आरोपों में कितनी सच्चाई

आपको बता दें, राहुल गाँधी द्वारा सावरकर के बार -बार अपमान पर उन्हें अंग्रेजों का वफादार बताने पर राजनीति से अलग एक तथ्य यह भी है कि ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भारत ब्रिटेन की महारानी और सम्राट के अधीन शासित था। इसलिए जो भी अंग्रजों को पत्र लिखता था, उसमें ‘I beg to remain your faithful servant’ लिखता था। सावरकर की चिट्ठी के इसी वाक्य को राहुल गाँधी मुद्दा बना रहे हैं और कह रहे हैं कि वे अंग्रेजों के नौकर थे। अंग्रेजों के सिपहसालार बनकर रहना चाहते थे।

गाँधी ने भी अंग्रेजों को लिखे खत में दिया सम्मान

महात्मा गाँधी द्वारा अंग्रेजों के एक पत्र को देखे तो सावरकर ही नहीं, उस समय महात्मा गाँधी ने भी अंग्रेजों को लिखे अपने पत्रों के अंत में इसी वाक्य का प्रयोग किया है। इससे पता चलता है कि जिस तरह आज ‘भवदीय’ आदि लिखकर पत्र के अंत में अपना नाम लिखने का चलन है, ठीक उसी तरह यह उन दिनों भी पत्रों को समाप्त करने का मानक और तरीका सामान्य था।


आपको बता दें, ड्यूक ऑफ कनॉट को लिखे पत्र के अंत में महात्मा गाँधी ने लिखा था, ‘I beg to remain, your royal Highness faithful servant, M.K Gandhi’ यानी ‘आपका सदैव नौकर बने का प्रार्थी’। राहुल गाँधी पत्र लिखने के इसी तरीके पर वीर सावरकर की देशभक्ति पर सवाल उठा रहे हैं और इसे अंग्रेजों के मददगार के रूप में मान रहे हैं। आपको बता दें, राहुल ने जो पत्र दिखाया महात्मा गाँधी भी पत्र के अंत लिखते थे, जो सावरकर ने भी लिखा था।

इंदिरा गाँधी के लिए सावरकर देशभक्त और राहुल के लिए गद्दार

जानकारी हो, दो बार कालापानी की सजा भुगतने वाले जिस वीर सावरकर पर राहुल सरकार से हिंदुत्व से खीझ निकालते रहते हैं। उस देशभक्त वीर सावरकर के बारे में खुद राहुल की दादी और देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने जो पत्र में लिखा है। अगर उस पत्र को राहुल गाँधी एक बार भी पढ़ ले तो सावरकर के समर्पण के आगे शीष झुकायेंगे।

पूर्वजों की विरासत संभालने वाले राहुल गांधी अगर अपनी दादी (इंदिरा गांधी) की सोच और समझ से इत्तेफाक रखते हैं तो यही कहा जा सकता है। दादी सम्मान देवे, पोता गाली देवे तो देश के लिए त्याग और समर्पण करने वाले सच्चे देशभक्त वीर सावरकर के प्रति तथ्यों के आधार पर राहुल की सोच और नियत सकारात्मक और अनुकूल नहीं हैं।

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