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India News (इंडिया न्यूज) Lithium: भार को एक बार फिर दुनिया के भविष्य की सबसे मुल्यवान धातु में से एक (White Gold) सफेद सोने का भंडार मिला है। सफेद सोना यानी लिथियम को राजस्थान (Rajasthan) के नागौर के डेगाना में जीएसआई (GSI) सर्वे के दौरान खोजा गया हैं। माना जा रहा है कि यहां इतना ज्यादा लिथियम का भंडार है कि ये भारत की 80 फिसदी जरुरत को पूरा कर सकता है। इसके साथ ही अनुमान लगाया जा रहा है कि लिथियम को लेकर भारत की चीन से निर्भता समाप्त हो जाएगी। वहीं जिस पहाड़ी में ये लिथियाम का खजाना भारत के हाथ लगा है, उस जगह अंग्रेज टंगस्टन (Tungsten) का खनन किया करते थे।
1914 में ब्रिटिश के दौरान अंग्रेजों ने डेगाना के रेवंत की पहाड़ियों में टंगस्टान (Tungsten) खनिज की खोज की थी। दरअसल सफेद- सिल्वर रंग की इस धातु का प्रयोग फिलामेंट, एलईडी बल्ब, रॉकेट आदि कई चीजों में किया जाता है। हालांकि ब्रिटिश सरकार के वक्त पर टांगस्टान का उपयोग प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सैनिको के लिए युद्ध समाग्री बनाने के लिए किया जाता था। हालांकि देश की आजादी के बाद इस धातु के खनन पर रोक लगा दी गई थी। फिलहाल राज्य ने इस इलाके पर फिर से खनन करने की केंद्र से मांग की थी। इसके बाद केंद्र के द्वारा जीएसआई की एक टीम को सर्वे के लिए भेजा गया। टीम ने सर्वे के बाद पता लगाया कि इस जगह टंगस्टन के साथ लिथियम का भी बड़ा भंडार मौजूद हैं।
दरअसल लिथियम यानि की सफेद सोना भविष्य का एक मुल्यवान धातु हैं। दुनिया में इसे आने वाले वक्त की प्रमुख उर्जा के रूप में देखा जाता है। इस वक्त इसका इस्तेमाल मोबाई फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरों, इलेक्ट्रिक गाड़ियों और बच्चों के खिलौनों आदि में किया जाता है। क्योंकि भारत भी तेजी से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरफ बढ़ रहा है। इसमें आत्मनिर्भर बनने के लिए भारत को 2023 तक 1 करोड़ लिथियम ऑयन बैटरी का उत्पादन करने की जरुरत होगी। इस खोज के बाद आने वाले समय में भारत को काफी अधिक फायदा होगा।
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