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LOC, LAC और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर, जानिए क्या है इन तीन रेखाओं के मायने

BY: Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : December 13, 2022, 6:33 pm IST
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LOC, LAC और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर, जानिए क्या है इन तीन रेखाओं के मायने

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल या नियंत्रण रेखा), LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर। ये वो तीन तरह की सरहदों के नाम हैं जिनसे भारत का रिश्ता काफी पुराना रहा है। आप इन रेखाओं के नाम तो सुने होंगे लेकिन अगर इन रेखाओं की असल परिभाषा से वाकिफ नहीं है तो हम बताएँगे इन तीन सीमाओं के असल मायने।

LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल या नियंत्रण रेखा)

जानकारी दें, नियंत्रण रेखा भारत और पाकिस्तान के बीच खींची गयी 740 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है। यह रेखा दोनों देशों के बीच पिछले 50 वर्षों से विवाद का विषय बनी हुई है। वर्तमान नियंत्रण रेखा यहां 1947 में दोनों देशों के बीच हुए युद्ध को विराम देकर तत्कालीन नियंत्रण स्थिति पर खींची गयी थी, जो आज भी लगभग वैसी ही है। तब कश्मीर के कई भागों में पाकिस्तान ने आक्रमण कर दिया था और भारतीय सेनाएं कश्मीर की सुरक्षा हेतु आगे आयीं थीं। उत्तरी भाग में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को कारगिल सेक्टर से पीछे श्रीनगर-लेह राजमार्ग तक पछाड़ दिया था।

1965 में पाकिस्तान ने फिर आक्रमण किया किन्तु लड़ाई में गतिरोध उत्पन्न हुआ, जिसके चलते यथास्थिति 1971 तक बनी रही। 1971 में बांग्लादेश युद्ध के उत्तर में पाकिस्तान ने फिर कश्मीर पर आक्रमण किया जिससे नियंत्रण रेखा के दोनों ओर दोनों ही देशों ने एक दूसरे की चौकियों पर नियंत्रण किया था। भारत को नियंत्रण रेखा के उत्तरी भाग में लद्दाख क्षेत्र से लगभग 300 वर्ग मील भूमि मिली थी। 3 जुलाई, 1972 में शिमला समझौते के परिणामस्वरूप शांतिवार्ता के बाद नियंत्रण रेखा को बहाल किया गया।

LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल या वास्तविक नियंत्रण रेखा)

आपको बता दें, नियंत्रण रेखा से अलग, वास्तविक नियंत्रण रेखा भारत और चीन के बीच की वास्तविक सीमा रेखा है। 4,057 किलोमीटर लंबी यह सीमा रेखा जम्मू-कश्मीर में भारत अधिकृत क्षेत्र और चीन अधिकृत क्षेत्र अक्साई चीन को पृथक करती है। यह लद्दाख, कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है। यह भी एक प्रकार की सीज फायर (युद्धविराम) रेखा ही है क्योंकि 1962 के भारत-चीन युद्घ के बाद दोनों देशों की सेनाएं जहां तैनात थी, उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा मान लिया गया।

इंटरनेश्नल बॉर्डर या अंतरराष्ट्रीय सीमा

ज्ञात हो, अंतरराष्ट्रीय सीमा दो देशों के बीच की वो सीमा रेखा है जिसको लेकर उन देशों सहित पूरी दुनिया ने सहमति जताई है। जैसे ब्रिटेन और तिब्बत के बीच 1914 के शिमला समझौते के तहत जो सीमारेखा खींची गई थी वो आज भारत और चीन के बीच मौजूद सीमा रेखा भी है। जबकि अगस्त 1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच खींची गई अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा को रेडक्लिफ लाइन के नाम से जाना जाता है।

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