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लखनऊ (Kanpur Dehat incident): उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान आग लगने से मां-बेटी की मौत की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आश्वासन दिया कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच, विध्वंस अभियान के दौरान आग लगने से मृत मां-बेटी का आज अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पीड़ित के बेटे ने अपने बयान में कहा कि “उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने हमें आश्वासन दिया है कि हमारी मांगें पूरी की जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमे से प्रत्येक (2 भाइयों) को 1 करोड़ रुपये, सरकारी नौकरी, आवासीय क्वार्टर और एक जमीन का पट्टा दी जाएगी और मेरे पिता के लिए आजीवन पेंशन दी जाएगी।” पुलिस आयुक्त राज शेखर ने कहा कि “प्रशासन पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। परिवार ने दोनों पीड़ितों का पोस्टमार्टम कराने की अनुमति दे दी है।”
पुलिस ने मंगलवार को कहा कि कानपुर देहात क्षेत्र के मरौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान आग लगने से 44 वर्षीय एक महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई। मृतकों की पहचान प्रमिला दीक्षित (44) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (22) के रूप में हुई है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान अधिकारियों ने घर में आग लगा दी जब मां-बेटी अंदर थी। आरोपों के आधार पर, अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम), स्टेशन अधिकारी (एसओ) और लेखपाल सहित एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। घटना सोमवार दोपहर मरौली गांव में हुई।
परिवार के सदस्यों ने विध्वंस अभियान का विरोध किया खुद को आग लगाने की धमकी दी। इसे लेकर परिवार के सदस्यों और अधिकारियों के बीच हाथापाई हुई और हंगामे के दौरान आग लग गई और पूरा घर जलकर खाक हो गया। हालांकि आग लगने का सही कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, पीड़ित परिवार ने अधिकारियों और क्षेत्र के असामाजिक तत्वों पर जानबूझकर उनके घर में आग लगाने का आरोप लगाया है। कानपुर पुलिस ने एक आधिकारिक नोट में कहा है कि पीड़ित परिवारों की शिकायत के आधार पर एसडीएम, एसओ और लेखपाल समेत 12 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
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