India News(इंडिया न्यूज),Mahakal Mandir: मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर बाबा महाकाल के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को अभी भी काफी इंतजार करना पड़ेगा। श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने शनिवार को एक बैठक किया है। इसमें आमलोगों के गर्भगृह दर्शन पर कोई निर्णय नहीं लिया है। वहीं, वीआईपी श्रद्धालु लगातार बाबा महाकाल के गर्भगृह में पहुंचकर उनका पूजन अर्चन अभिषेक कर रहे हैं। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में अभी भी आम लोगों को प्रवेश नहीं मिलेगा।

सीमित समय होने पर प्रवेश वर्जित

बाबा महाकाल के दरबार में लगातार बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या की बात बोलकर श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश को अभी शुरू करने का कोई निर्णय नहीं लिया है। उनका कहना है कि बाबा महाकाल के दरबार में वर्तमान में भी लगभग 2 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं। उन्होंने इसके लिए कुछ आंकड़े भी बताएं हैं और उनका कहना था कि गर्भगृह में यदि 10 घंटे दर्शन खोले जाते हैं तो लगभग 2000 श्रद्धालु ही गर्भगृह में पहुंचकर दर्शन कर पाते हैं। आम श्रद्धालुओं के लिए तो गर्भगृह में प्रवेश पर 4 जुलाई 2023 से ही प्रतिबंध है। तब से लेकर अभी तक कई वीवीआईपी बाबा महाकाल के मंदिर में दर्शन के लिए आ चुके हैं और दर्शन कर चुके हैं।

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आम श्रद्धालुओं की सवालों पर प्रशासन दरकिनार

एक महीने पहले श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति की बैठक में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने खुद इस बात को कहा था कि श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में जल्द ही आम श्रद्धालुओं का प्रवेश पूर्व की तरह शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन इसके लिए श्रद्धालुओं को भारतीय परिधान पहनना होंगे। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा भारतीय परिधान पहनने की बात को भी श्रद्धालुओं ने स्वीकार किया था। बावजूद इसके भी समिति ने कोई फैसला नहीं लिया है।

कलेक्टर का तर्कपूर्वक जवाब

दरअसल, गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू न करने के पीछे कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का कहना है कि वह चाहते हैं कि देश विदेश से बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के सरल और सुलभ रूप से दर्शन हो पाए। उन्होंने बताया कि जब गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू कर दिया जाता है तो उस समय श्रद्धालु बार-बार बाबा महाकाल के शिवलिंग के सामने आते हैं जिससे रेलिंग में खड़े श्रद्धालु उनके दर्शनों का लाभ नहीं ले पाते। उनकी आस्था को आघात पहुंचता है इसलिए गर्भगृह में प्रवेश की व्यवस्था को लेकर जब तक कोई ठोस प्लानिंग नहीं कर ली जाती तब तक मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश वर्जित रहेगा। मंदिर समिति श्रद्धालुओं को सीमित संख्या में गर्भगृह में प्रवेश देने पर भी विचार कर रही है।

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