India News(इंडिया न्यूज़), Mahua Moitra: लोकसभा सचिवालय ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़े विवाद के बाद संसद की वेबसाइट तक पहुंचने के नियमों में बदलाव किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिकल अब निजी कर्मचारी या कोई तीसरा पक्ष डिजिटल संसद वेबसाइट तक नहीं पहुंच सकता है। किसी सांसद की ओर से नोटिस नहीं दे सकता है या प्रश्न प्रस्तुत नहीं कर सकता है। केवल सांसद ही अपने व्यक्तिगत लॉगिन विवरण का उपयोग करके साइट का उपयोग कर सकेंगे।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का आरोप

नए नियमों के मुताबिक सांसदों के पंजीकृत मोबाइल फोन पर एक ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) आएगा और कोड दर्ज करने के बाद ही वे साइट तक पहुंच पाएंगे। नियमों में बदलाव तब किया गया जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के पत्र का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली है। जिसके बाद पूरा मामला पर जमकर बवाल हुआ।

महुआ मोइत्रा का बयान

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने स्वीकार किया था कि उन्होंने दर्शन हीरानंदानी को अपनी संसद लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिया था ताकि उनके कार्यालय में कोई व्यक्ति लोकसभा में पूछे जाने वाले प्रश्नों को टाइप कर सके। महुआ मोइत्रा ने कहा था, ”मैंने जो सवाल दिया था उसे दर्शन हीरानंदानी के ऑफिस में किसी ने संसद की वेबसाइट पर टाइप कर दिया था। सवाल डालने के बाद वे मुझे फोन करके जानकारी देते थे और मैं सारे सवाल एक ही बार में पढ़ लेती थी क्योंकि मैं हमेशा अपने काम में व्यस्त रहती हूं।’ उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) लॉगिन में कोई नियम नहीं है कि सांसद का लॉगिन विवरण किसके पास हो सकता है।

रिपोर्ट का समर्थन

अपने खिलाफ लगे आरोपों को लेकर तृणमूल सांसद को लोकसभा से अयोग्य ठहराया जा सकता है क्योंकि आचार समिति ने इस महीने की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट अपना ली है। पैनल के छह सदस्यों ने उनके खिलाफ आरोप पर रिपोर्ट का समर्थन किया। जबकि चार सदस्यों ने इसका विरोध किया।

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