दिल्ली (Marburg virus):आधुनिक युग में कई अलग-अलग वायरस दुनिया की चिंता बढ़ाते रहते है। कोरोना वायरस ने हाल ही दुनिया भर में करोड़ो लोग की जान ली है। अब एक और वायरस दुनिया की चिंता बढ़ाता नजर आ रहा हैं। अफ्रीका महादेश में इबोला वाइरस से लाखों लोगों की जान अब तक चली गई हैं। इबोला वायरस से मिलता-जुलता नया मारबर्ग वायरस से चिंता बढ़ गई है। मारबर्ग वायरस से इक्वेटोरियल गिनी नाम के देश में 9 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस पर चिंता जाहिर की है क्योंकि अभी इसकी कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं। समाजीर एजेंसी एएनआई की खबर के अनुसार मारबर्ग वायरस चमगादड़ों से इंसानों में डायरेक्ट कॉन्टैक्ट या बॉडी फ्लूइड से फैल सकता है। यह एक रेयर और काफी खतरनाक वायरस है।
इस वायरस के संपर्क में आने वाले मरीज को तेज बुखार होता है। इस वायरस के संपर्क में आने पर तुरंत इलाज मिलना जरूरी होता हैं। ऐसा नहीं होने पर मौत हो जाती है। भारत में कई जानकारों ने कहा कि इस वायरस के फैलने में ज्यादा मॉरटैलिटी रेट है लेकिन इस वायरस के संक्रमण को रोक लिया गया है, इस वजह से भारत में ज्यादा चिंता की बात नहीं हैं। इसके लक्षण है बुखार, ठंड लगना, सिर दर्द। इन लक्षणों के कुछ दिनों बाद छाती, पीठ और पेट पर दाने निकल आते हैं। साथ ही उल्टी, सीने में दर्द, गले में खराश, पेट में दर्द और दस्त इस वायरस के दौरन होते है।
WHO ने बयान जारी कर कहा कि यह वायरस बेहद खतरनाक हैं जो चमगादड़ों से लोगों में पहुंचता है और फिर एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को रक्तस्रावी बुखार (Haemorrhagic Fever) आता है और धीरे-धीरे उसकी स्थिति गंभीर हो जाती है। अब तक इस वारयस के जितने मरीज़ मिले है उन्हें से 88 फीसदी की मौत हो गई। मारबर्ग वायरस के लक्षण मरीज में 2 से लेकर 21 दिनों की अवधि के बीच कभी भी शरू हो सकते है।
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