Mumbai, Maharashtra: इन दिनों महाराष्ट्र में बढ़ते खसरे के प्रकोप से लगातार कई बच्चों की मौत हुई है। साथ ही बड़ी संख्या में बच्चे अभी अस्पताल में भी भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है। अब ऐसे में मुंबई की बात करें, तो बीएमसी की जानकारी के मुताबिक शहर में अब तक कुल 3208 लक्षण के मरीज सामने आएं हैं, जिसमें से कुल 220 मरीजों का इलाज अभी चल रहा है।
बुधवार को मुंबई में खसरे के प्रकोप से 8 महीने के एक बच्चे की मौत हो जाने से शहर में इस बीमारी से मरनेवाले बच्चों की संख्या 12 पहुंच गई है। मुंबई में सबसे ज्यादा सोमवार को 24 मरीज मिले। वहीं, सबसे ज्यादा मरीज गोवंडी और कुर्ला से सामने आ रहे हैं। अधिकार बीमार बच्चों की उम्र 5 साल से भी कम बताई गई है।
पूरे महाराष्ट्र में बढ़ रहे मामले पर अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ मुंबई ही नहीं, बाहर कईं शहरों में भी खसरे का प्रकोप बढ़ रहा है। 17 नवंबर तक पूरे राज्य में इस बीमारी के 500 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें ठाणे जिले के भिवंडी से 7 और नासिक के मालेगांव में 5 मामले सामने आए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में पूरे राज्य में 153, 2020 में 193 और 2021 में 92 मामले सामने आए थे। नवीं मुंबई की बात करें, तो पनवेल में 3 मरीज और 15 मरीजों में खसरे के लक्षण पाए गए हैं, जिसके बाद पनवेल में 300 जगह वैक्सिनेशन किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि जीवन स्तर की दयनीय स्थिति, बड़ा परिवार, उचित स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, स्वच्छता सुविधाओं और पोषण की कमी, खराब प्रतिरक्षा, टीके की खुराक न देना और टीकाकरण के प्रति अनिच्छा शहर में इस बीमारी के पांव पसारने के कुछ प्रमुख कारण हैं। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य निगरानी अधिकारी प्रदीप आवटे ने बताया कि अगर एक सप्ताह में संक्रमण के पांच संदिग्ध मामले सामने आते हैं, जिनमें से दो से अधिक की प्रयोगशाला परीक्षण में पुष्टि हुई हो, तो इसे प्रकोप कहा जाता है। वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग खसरा के लिए घर-घर निगरानी कर रहा है और अभियान के रूप में विशेष टीकाकरण सत्रों की व्यवस्था की जा रही है।
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