संबंधित खबरें
MPPSC Student Protest: इन 3 मांगों पर CM सहमत, छात्रों का आमरण अनशन प्रदर्शन खत्म
Kanpur News: हनीमून से लौटते ही क्या हुआ ऐसा? शादी के 12 दिन बाद मैनेजर की बेड पर मिली लाश
MP News: PM मोदी पर भड़के कांग्रेस नेता, बोले- नफरत के जिन्न बाहर निकालना आसान, काबू करना मुश्किल
UPPSC PCS Prelims Exam 2024: UPPSC PCS उम्मीदवारों के लिए जरूरी खबर, परीक्षा में एडमिट कार्ड के साथ इसे ले जाना अनिवार्य
संभल में खुले इतिहास के पन्ने, खुदाई में मिली चौंकाने वाली एतिहासिक चीजें, देख रह जाएंगे हैरान
SP विधायक के बिगड़े बोल, BJP सरकार को बताया हिंदू आतंकवादी , मचा बवाल
India News (इंडिया न्यूज) : इन दिनों असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अपने बयानों के लिए सुर्खियों में बने हुए हैं। दरअसल रविवार को हिमंत ने कहा कि ”भाजपा को अगले 10 वर्षों तक ‘चार’ (नदी के रेतीले) क्षेत्रों के ‘मियां’ लोगों के वोटों की जरूरत नहीं है, जब तक कि वे बाल विवाह जैसी प्रथाओं को छोड़कर खुद में सुधार नहीं कर लेते।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ”मियां’ लोग उनका, पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी का समर्थन करते हैं और वे उन्हें वोट दिए बिना भगवा ब्रिगेड के पक्ष में नारे लगाना जारी रख सकते हैं।”
मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि “भाजपा लोक कल्याण करेगी और वे हमारा समर्थन करेंगे, लेकिन उन्हें हमें वोट देने की जरूरत नहीं है। हमारा समर्थन करने में कोई बुराई नहीं है। उन्हें हिमंत बिस्वा सरमा, नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए ‘जिंदाबाद’ के नारे लगाने दीजिए।“ जान लें कि ‘मिया’ शब्द बंगाली भाषी मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
आगे उन्होंने कहा कि, “जब चुनाव आएगा, तो मैं खुद उनसे अनुरोध करूंगा कि वे हमें वोट न दें। जब आप परिवार नियोजन का पालन करेंगे, बाल विवाह रोकेंगे और कट्टरवाद छोड़ देंगे, तब आप हमें वोट देंग।” “उन्हें पूरा करने में 10 साल लगेंगे। हम अभी नहीं, 10 साल बाद वोट मांगेंगे।” ”उनके और भाजपा के पक्ष में मतदान करने वालों को दो या तीन से अधिक बच्चे नहीं पैदा करने चाहिए, अपनी बेटियों को स्कूल भेजना चाहिए, बाल विवाह नहीं करना चाहिए और कट्टरवाद छोड़कर सूफीवाद अपनाना चाहिए।”
सरमा जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “जब ये शर्तें पूरी हो जाएंगी तो मैं आपके साथ वोट मांगने ‘चार’ जाऊंगा।“जब उनसे सवाल किया गया कि कई ‘चार’, जहां मुख्य रूप से बंगाली भाषी मुस्लिम रहते हैं, वहां उचित स्कूल नहीं हैं, तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ”अगर उन्हें ऐसे क्षेत्र में स्कूल की गैर-मौजूदगी के बारे में सूचित किया जाएगा तो तुरंत स्कूल स्थापित किए जाएंगे।” “ऐसा नहीं हो सकता कि अल्पसंख्यक छात्रों को पढ़ने का मौका नहीं मिलेगा। हम आने वाले दिनों में अल्पसंख्यक क्षेत्रों में सात कॉलेज खोलेंगे।“
Also Read:-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.