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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
केंद्र की मोदी सरकार ने आने वाले करीब डेढ़ साल में देश के सात राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर लगता है अभी से बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने कुछ मंत्रालयों द्वारा फंड न खर्च करने के बाद ऐसे करीब 950 करोड़ रुपए के फंड को सामाजिक एवं न्याय मंत्रालय को आवंटित कर दिया है। बता दें कि गुजरात, मध्य प्रदेश, और राजस्थान सहित सात राज्यों में चुनाव होने हैं और बीजेपी का ध्यान दलित मतदाताओं पर है। उक्त राज्यों में दलितों की आबादी भी अच्छी खासी है। ऐसे में चुनावों से पहले केंद्र का फंड ट्रांसफर का फैसला अहम माना जा रहा है।
सरकार ने ढांचागत विकास व इनकम जेनरेशन स्कीम्स के लिए सामाजिक एवं न्याय मंत्रालय को 950 करोड़ रुपए का फंड आठ मंत्रालयों के उस फंड से ट्रांसफर किया है, जो उनसे खर्च नहीं हो सका था। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इसके जरिए अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों पर खास ध्यान दे सकेगी।
डेवेलपमेंट एक्शन प्लान व फॉर शेड्यूल्ड कास्ट्स के अंतर्गत 41 मंत्रालयों को अपने कुल बजट के दो से 20 फीसदी तक का हिस्सा अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए खर्च करना होता है। पर अधिकतर मंत्रालय धन खच नहीं कर सके। कई मंत्रालयों ने अन्य योजनाओं पर ही फंड खर्च कर दिया। इसी के बाद केंद्र ने आठ मंत्रालयों के बचे 950 करोड़ रुपए आवंटित किया है ताकि अनुसूचित जाति वर्ग से जुड़ी स्कीमों पर खर्च किया जा सके।
वाणिज्य, सड़क एवं परिवहन, टेलिकॉम मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, कोयला और खाद्य एवं रसद आपूर्ति व फूड प्रॉसेसिंग मंत्रालय फंड खर्च नहीं कर सके थे और इन्हीं मंत्रालयों से वित्त मंत्रालय ने फंड ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। यह पहला मौका है, जब वित्त मंत्रालय ने किसी मंत्रालय की बची हुई रकम को सामाजिक एवं न्याय मंत्रालय को ट्रांसफर किया है। पिछले महीने 27 जुलाई को व्यय विभाग ने इस फैसले को मंजूरी दी थी।
सूत्रों के अनुसार 950 रुपए को खर्च करने के लिए चार योजनाएं तय भी कर ली गई हैं। इनमें से एक डॉक्टर अंबेडकर उत्सव धाम योजना भी है। इसके अंतर्गत गांवों में कम्युनिटी हॉल बनाए जाने जा प्लान है। एक योजना पीएम अमृत जलधारा है, जिसके तहत दलित समुदाय की जमीनों पर सिंचाई से जुड़ी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके अलावा दो अन्य योजनाएं हैं, जिनमें रकम खर्च की जाएगी।
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