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Nine Opposition Leaders Letter To PM Modi: पीएम मोदी को 9 पार्टियों के नेताओं ने पत्र लिखा है। पत्र में केंद्रीय एजेंसियों और राज्यपालों के रोल को लेकर चिंता जताई गई है। संयुक्त पत्र BRS प्रमुख चंद्रशेखर राव, JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, AITC प्रमुख ममता बनर्जी, NCP प्रमुख शरद पवार, उद्धव बालासाहेब ठाकरे (UBT) के चीफ उद्धव ठाकरे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने लिखा है।
आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को पत्र में निराधार बताया गया है। कहा गया “कार्रवाई से यह प्रतीत होता है कि हम एक लोकतंत्र से निरंकुशता में परिवर्तित हो गई हैं”। पत्र में कहा गया कि मनीष सिसोदिया पर लगे आरोप निराधार है और राजनीतिक साजिश के तहत लगाए गए है। 2014 के बाद से ही जांच एजेंसियों ने विपक्षी नेताओं को निशाना बनाना शुरू किया है।
Nine Opposition leaders including Arvind Kejriwal have written to PM Modi on the arrest of former Delhi deputy CM Manish Sisodia in the excise policy case. They have stated that the action appears to suggest that "we have transitioned from being a democracy to an autocracy". pic.twitter.com/ohXn3rNuxI
— ANI (@ANI) March 5, 2023
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में विपक्षी नेताओं ने कई बीजेपी के नेताओ का जिक्र किया है। पत्र में असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा शर्मा, सुवेंदु अधिकारी, मुकुल राय और नारायण राणे का जिक्र है। कहा गया कि सीबीआई और ईडी ने 2014 और 2015 में शारदा चिटफंड घोटाले में हेमंता बिस्वा शर्मा के खिलाफ जांच की थी, शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में थे लेकिन यह सब बीजेपी में शामिल हे गए और इनके खिलाफ जांच बंद कर दी गई।
इस पत्र में राज्यपालों को भी निशाने पर लिया गया है। कहा गया कि राज्यपाल विपक्षी सरकारों को अस्थिर करने का काम कर रहे है। चाहे वो तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, पंजाब, तेलंगाना के राज्यपाल हों या दिल्ली के उपराज्यपाल हों। राज्यपाल केंद्र और राज्यों के बीच दरार की वजह बन रहे हैं।
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